नई दिल्ली: भारत इस साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स (Birmingham Commonwealth Games) की पुरुष और महिला हॉकी स्पर्धाओं के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजेगा, क्योंकि बर्मिंघम में होने वाले इन खेलों और हांगझोउ एशियाई खेलों के बीच अधिक समय नहीं है. एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक के क्वालीफायर हैं. हॉकी इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने ऐसा दावा किया था.
हॉकी इंडिया के अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि हमारे पास 3 टीम हैं, इंडिया सीनियर, भारत ए और जूनियर टीम और इस साल हम कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अपनी ‘ए’ टीम भेजेंगे, क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमारे मुख्य खिलाड़ी अधिक महत्वपूर्ण एशियाई खेलों से पहले ही अपने शीर्ष पर पहुंच जाएं.
कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में 32 दिन का अंतर
उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों की टीम में जगह नहीं बनाने वाले रिजर्व खिलाड़ियों को बर्मिंघम भेजेंगे, क्योंकि दोनों खेलों के बीच में सिर्फ 32 दिन का अंतर है. हम चाहते है कि हमारे मुख्य खिलाड़ी एशियाई खेलों के लिए पूरी तरह फिट हो, क्योंकि यह ओलंपिक क्वालीफायर हैं. बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन इस साल 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होना है जबकि एशियाई खेल 10 से 25 सितंबर तक होंगे. हॉकी इंडिया ने कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और बर्मिंघम खेलों और हांगझोउ एशियाई खेलों के बीच कम दिन के अंतर का हवाला देकर पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों से अपनी टीम हटा ली थी, लेकिन बाद में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद इस फैसले को बदल दिया था.
पहली पसंद गोलकीपर को भेजा जा सकता है बर्मिंघम
हॉकी इंडिया को हालंकि यकीन है कि टूर्नामेंट में चाहे कोई भी खिलाड़ी खेलें, भारत इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेगा, क्योंकि मौका मिलने और जरूरत पड़ने पर कोर समूह के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
अधिकारी ने हालांकि संकेत दिए कि दोनों सीनियर टीम के पहली पसंद गोलकीपर को बर्मिंघम खेलों के लिए भेजा जा सकता है जिससे एशियाई खेलों से पहले मैच अभ्यास का जरूरी मौका मिले. उन्होंने कहा कि संभावना है कि हम अपने मुख्य गोलकीपर को राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भेज सकते हैं क्योंकि वहां उन्हें अनुभव और मैच खेलने का मौका मिलेगा.
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