नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ( D Y Chandrachud) हमेशा अपने कामों से सुर्खियों में रहते हैं. इस बार वह अपने एक अलग काम और बयान से सुर्खियों में हैं. उन्होंने मंदिरों पर लगे ध्वजों से प्रेरणा लेते हुए शनिवार को जिला अदालत के वकीलों से इस तरह से कार्य करने का आग्रह किया कि आने वाली पीढ़ियों तक ‘न्याय की ध्वजा’ (‘Flag of Justice’) फहराती रहे. वह इन दिनों भारत भ्रमण पर हैं. आइए जानते हैं कि आखिर मुख्य न्यायाधीश गांव-गांव क्यों घूम रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि वह न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और समाधानों की पहचान करने के लिए ‘महात्मा गांधी के जीवन और आदर्शों से प्रेरित होकर’ विभिन्न राज्यों का दौरा करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी दो दिवसीय गुजरात यात्रा उसी प्रयास का हिस्सा थी.
उन्होंने आगे कहा कि ‘मैंने पिछले एक साल में विभिन्न राज्यों का दौरा करने की कोशिश की ताकि मैं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और जिला न्यायपालिका के अधिकारियों से मिल सकूं, उनकी समस्याओं को सुन सकूं और इस तरह, हम न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान ढूंढ सकें… मैं उनकी समस्याओं को समझने और प्रभावी समाधानों की पहचान करने में सक्षम हूं.’
उन्होंने कहा, उनके दौरे का उद्देश्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और जिला न्यायपालिका के अधिकारियों के साथ भारतीय न्यायपालिका की उपलब्धियों को साझा करना भी है. मालूम हो कि शनिवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने राजकोट में एक नए जिला न्यायालय भवन का उद्घाटन किया. राजकोट में जामनगर रोड पर 110 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए न्यायालय भवन में लगभग 50 न्यायालय कक्ष होंगे, जो अब तक तीन परिसरों में चार भवनों से संचालित हो रहे थे.
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