नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने दमदार और दिलचस्प भाषण के लिए जाने जाते हैं। ‘मन की बात’ हो या फिर कोई दूसरा कार्यक्रम पीएम मोदी करीब हर दिन भाषण जरूर देते हैं। बीजेपी की रैलियों और चुनावी जनसभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है। अपनी स्पीच (PM Modi Speech) में पीएम मोदी जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और अनोखे अंदाज में विपक्षी पर तंज कसते हुए जवाब देते हैं।
उनसे मन में सवाल उठता है कि आखिर कौन प्रधानमंत्री का ये भाषण लिखता है? क्या पीएम मोदी खुद इसे लिखते हैं या कोई और इन्हें तैयार करता है? भाषण लिखने वाली टीम में कौन लोग हैं? इन्हें कितने पैसे मिलते हैं? सूचना अधिकार कानून (RTI) के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से इसके बारे में जानकारी मांगी गई है। आइए जानते हैं कि पीएम मोदी की स्पीच को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने क्या जवाब दिया:-
पीएम मोदी खुद ही करते हैं फाइनल एडिटिंग
अंग्रेजी वेबसाइट ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक, पीएम मोदी के भाषणों के बारे में जानकारी के लिए पीएमओ में आरटीआई के तहत अर्जी दायर की थी। इसके जवाब में पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने भाषण को अंतिम रूप खुद देते हैं। जिस तरह का इवेंट होता है, उसके मुताबिक ही पीएम को अलग-अलग व्यक्तिओं, अधिकारियों, विभागों, इकाइयों, संगठनों वगैरह से जानकारियां दी जाती हैं। इन जानकारियों के आधार पर अंतिम रूप से भाषण पीएम खुद तैयार करते हैं।
PMO ने इन सवालों का नहीं दिया जवाब
पीएमओ से ये भी पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री के भाषण लिखने के लिए कोई टीम है? अगर हां तो इसमें कितने मेंबर होते हैं? इनको कितना पेमेंट किया जाता है? हालांकि, पीएमओ ने इन सवालों के जवाब नहीं दिए।
मोदी ने 2014 के चुनावों में बीजेपी को दिलाई थी प्रचंड जीत
नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाई। बीजेपी ने मोदी को चेहरा बनाकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। प्रचार के दौरान मोदी ने धुंआधार सभाएं कीं। उनके प्रचार की आक्रामक शैली ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक की जुबां पर एक ही नाम था- ‘मोदी’।
बातों से श्रोता वर्ग को जोड़ने में हैं माहिर
मोदी की सबसे बड़ी और असाधारण बात उनकी भाषण कला है और वे अपनी इस कला से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करना जानते हैं। विकास और अन्य मुद्दों पर वे जितनी स्पष्टता और प्रभावी तरीके से अपनी बात रखते हैं कि बिना किसी तैयारी के उनका भाषण भी लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। देश के अन्य नेताओं की तरह से लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते हैं। उनकी विशेषता है कि वे अपनी वाक शैली से किसी भी प्रकार के श्रोता वर्ग से अपना संबंध बना लेते हैं।
ये पूर्व पीएम भी खुद लिखते थे अपना भाषण
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पीएम मोदी तक के भाषण के लिए अलग-अलग सोर्स से जानकारी इकट्ठा करने का चलन है। प्रधानमंत्रियों के स्पीच के लिए पार्टी, मंत्रियों, विषय जानकारों, प्रधानमंत्री की अपनी टीम जानकारी एकत्र करती है और फिर उसे अंतिम रूप दिया जाता है। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटलबिहारी वाजपेयी जैसे कुशल प्रवक्ता अपना भाषण खुद तैयार करते थे।
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