नई दिल्ली (New Delhi)। समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का वह वादा 24 घंटे भी नहीं टिका जो उन्होंने ब्राह्मण सम्मेलन (brahmin conference) में किया था। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को धोखा बता डाला।
अखिलेश यादव ने वादा किया था कि धर्म और जाति पर टिप्पणी पर रोक लगाई जाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी प्रमुख की नसीहत को दरकिनार करने वाले स्वामी पर क्या सपा कोई ऐक्शन लेगी?
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर मिशन जय भीम के बैनर तले राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मलेन में स्वामी ने कहा, ‘जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वह कुछ लोगों के लिए धंधा है। जब हम कहते हैं कि यह यह कुछ लोगों के लिए धंधा है तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है। जब वही चीज मोहन भागवत कहते हैं, माननीय मोदी जी कहते हैं, गडकरी जी कहते हैं तो किसी की भावना आहत नहीं होती, वही चीज स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो उनकी भावनाएं इतनी कमजोर होती हैं कि आहत हो जाती हैं।’
क्या था अखिलेश का वादा
दरअसल रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सोशल इंजीनियरिंग फिट करने में जुटे अखिलेश यादव की मौजूदगी में कन्नौज के प्रबुद्ध समाज और महा ब्राह्मण समाज पंचायत के प्रतिनिधियों की पंचायत हुई। इस दौरान कई लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना धर्म-जाति पर विवादित बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इस पर अखिलेश यादव ने वादा किया कि ऐसे बयानों पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने पार्टी नेताओं को धर्म और जाति पर किसी तरह की टिप्पणी से बचने की नसीहत दी।
मान नहीं रहे स्वामी
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। उनके बयानों पर को लेकर कई बार सपा को किरकिरी का सामना करना पड़ा है। अब 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस बात की आशंका सताने लगी है कि कहीं ना कहीं उनके बयानों से नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि खुद अखिलेश यादव ने भी ऐसे बयानों पर अंकुश लगाने की बात कही है।
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