उज्जैन। महाकाल मार्ग पर हरिफाटक पुल के नीचे पिछले कई वर्षों से मैकेनिक बाजार बन गया था तथा मन्नत गार्डन के आसपास करीब ढाई सौ अधिक दुकानें और गुमटियाँ लग गई थीं जिन्हें नगर निगम ने आज सुबह 6 बजे से हटाना शुरू किया। पुलिस बल की मौजूदगी में 12 जेसीबी और डम्पर इस काम में लगाए गए और तेजी से गुमटियों को उठाया गया। इस दौरान आंशिक विरोध भी हुआ लेकिन अधिकारियों ने कोई बात नहीं सुनी। मिली जानकारी के अनुसार प्रशासन अब यहाँ पर कोई अतिक्रमण नहीं होने देगा तथा सतत निगरानी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में भी यहाँ से अतिक्रमण हटाए गए थे लेकिन एक अंतराल के बाद फिर से गुमटियाँ लगा दी जाती हैं।
आज सुबह 6 बजे नगर निगम की गैंग सहायक आयुक्त सुबोध जैन के साथ मन्नत गार्डन पहुँची। यहाँ मन्नत गार्डन के आसपास अवैध रूप से लगी 250 से अधिक गुमटियाँ जिनमें गैरेज, ऑटो पार्ट्स तथा ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों सहित अन्य प्रकार के काम करने की दुकानें थी। जिन्हें आज सुबह से हटाने का काम शुरू किया गया। अधिकारी आज सुबह यहाँ 12 जेसीबी और डम्पर लेकर पहुँचे। नगर निगम की गैंग के साथ भारी पुलिस बल भी कार्रवाई के दौरान मौजूद था। इस दौरान सुबह जब गुमटियाँ हटा रहे थे तो कुछ दुकानदारों ने विरोध किया लेकिन पुलिस बल को देखकर वह भी ठंडे पड़ गए। इस दौरान नगर निगम की गैंग ने कार्रवाई जारी रखी। दोपहर बाद तक नगर निगम के अधिकारियों ने सभी गुमटियाँ हटाने का दावा किया है। उल्लेखनीय है कि उक्त मार्ग वीआईपी मार्ग है और यहाँ पर पूर्व में भी मन्नत गार्डन भी अवैध कब्जे में सरकारी जमीन पर था, वहीं इसके आसपास की जमीन भी सरकारी है। जिस पर अवैध कब्जा लोगों ने कर रखा था और इन गुमटियों के कारण यातायात भी अवरुद्ध होता है। इसी को देखते हुए नगर निगम ने यह कार्रवाई की है। पूर्व में भी यह कार्रवाई की गई थी लेकिन उस दौरान कुछ दुकानदार हाईकोर्ट चले गए थे और हाईकोर्ट ने इन दुकानदारों को समय देने की बात कही थी। इस पर नगर निगम ने पहले 7 दिन का समय और बाद में 45 दिन का समय दिया, जिसकी अवधि 25 अगस्त को पूरी हो गई थी। अब सिर्फ पुलिस फोर्स मिलने का इंतजार किया जा रहा था जो आज मिल गया और यह बड़ी कार्रवाई हुई।
जिला एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त
कार्रवाई शुरु होने से पहले ही आज सुबह 5 बजे से जिला प्रशासन और पुलिस के साथ ही नगर निगम की टीम हरिफाटक ब्रिज पर पहुँच गई थी। जिला प्रशासन की ओर से एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, पुलिस प्रशासन से सिटी एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह सुबह 5 बजे अपनी टीम के साथ हरिफाटक ब्रिज पहुँचकर अतिक्रमणकारियों को हटाने में लग गए थे। नगर निगम टीम से प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव, सहायक आयुक्त सुबोध कुमार जैन भी अपनी टीम के साथ अतिक्रमण स्थान पर पहुँचे। साथ ही एसडीएम जगदीश मैहरे, अपर कलेक्टर कल्याणी पांडे, सीएसपी वंदना चौहान, पल्लवी शुक्ला, नीलम बघेल, सचिन परते, तहसीलदार श्रीकांत शर्मा, निरीक्षक ओपी अहीर, तरुण कुरील, पवासा प्रभारी गजेंद्र पचोरिया, चिंतामन जवासिया प्रभारी जीवन बिडारे, देवास गेट थाना प्रभारी पृथ्वी सिंह खलाटे, सब इस्पेक्टर महेंद्र मकाश्रे, रविंद्र कटारे सहित पुलिस बल मौजूद था।
तीन बार पहले भी हटाए जा चुके हैं व्यवसायी
उल्लेखनीय है कि जहाँ आज यह कार्रवाई चल रही है, इन्हीं में से ज्यादातर गैरेज संचालक और ट्रांसपोर्ट व्यवसायी 1980 के सिंहस्थ से पहले हटाकर इंदौरगेट क्षेत्र में माल गोडाउन के सामने नगर निगम ने बसाए थे। 1992 तथा 2004 के सिंहस्थ में यहाँ से इन्हें हरिफाटक ब्रिज तक जगह दे दी गई थी, वहीं 2016 के सिंहस्थ में इन्हें वाकणकर ब्रिज के पास बसाया गया था। सालों से मक्सी रोड पर विक्रम नगर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना लंबित है। अब वैकल्पिक तौर पर यहाँ से हटाए जा रहे दुकानदारों ने बडऩगर रोड पर निजी जमीन पर जाने की तैयारी कर ली है।
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