अजब-गजब मामला… तब थे अनाथ… अब हो गए दो मां-बाप
इन्दौर, कमलेश्वरसिंह सिसौदिया। सडक़ों पर घूमते उन तीन मासूम बच्चों (Children) को पहले प्रशासन (Administration) ने शरण दी। जब उनका कोई आसरा नजर नहीं आया तो इन बेसहारा बच्चों की ओर एक दम्पति (couple) ने अपना हाथ बढ़ाया और उन्हें गोद लेकर 6 माह तक पाला-पोसा। इसी बीच आई बच्चों की असली मां ने अदालत में गुहार लगाकर गोद लिए मां-बाप (parents) से अपने बच्चे छीन लिए।
बेसहारा बच्चों की देखभाल के लिए महिला बाल विकास (female child development) के आश्रम और शेल्टर होम ( shelter home) शहर में कार्यरत हैं। यहां पर जिनके माता-पिता (parents) नहीं हैं या जो बच्चे सडक़ पर घूमते पाए जाते हैं उन्हें रखा जाता है। तीन साल पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग को तीन बच्चे मिले थे। जब इन बच्चों के मां-बाप नहीं मिले तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उत्तरप्रदेश में एक दम्पति को इन्हें गोद दिया गया। अचरज तब हुआ जब इन बच्चों की असली मां सामने आई। इसके बाद सालभर की कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट द्वारा बच्चों को असली मां को सौंपे जाने के आदेश दिए गए। सुनने और पढऩे में यह मामला किसी फिल्मी कहानी का नजर आता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि चाइल्ड लाइन को तीन साल पहले जिला जेल के बाहर 11, 9 और 7 साल की उम्र के तीन बच्चे बेहाल अवस्था में मिले तो इन्हें छावनी स्थित राजकीय बाल आश्रम में रखा गया। इसके बाद कारा (केंद्रीय दस्तक ग्रहण एजेंसी) की प्रक्रियाओं के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग इंदौर ने इन्हें दत्तक देने की प्रक्रिया की तो उत्तरप्रदेश के लखीमपुर के एक परिवार ने इन तीनों भाइयों को एक साथ गोद लिया। इसके लिए सभी कार्रवाई भी नियमानुसार की गई। मामले में मोड़ तब आया, जब जनवरी 2020 में इन बच्चों की असली मां बच्चों को तलाशते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग पहुंची तो विभागीय अधिकारी भी असमंजस में पड़ गए, क्योंकि दत्तक की कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्चों को लौटाने के लिए भोपाल और दिल्ली के अधिकारी भी पसोपेश में थे। इसी बीच बच्चों की मां ने इंदौर न्यायालय में बच्चों की सुपुर्दगी के लिए गुहार लगाई और इस वर्ष मार्च के आखिरी सप्ताह में बच्चों को उसे सौंपने के आदेश दिए गए।
बच्चे असली मां के सुपुर्द होंगे
दत्तक ग्रहण प्रक्रिया के बाद अचानक असली मां का आना चौंकाने वाली बात है। अधिकारियों से राय-मशविरा किया जा रहा था। इसी दौरान बच्चों की मां को न्यायालय का आदेश भी मिल गया है। बच्चे जल्द ही असली मां के सुपुर्द कर दिए जाएंगे। इसके लिए उत्तरप्रदेश के लखीमपुर स्थित दत्तक परिवार से विभागीय चर्चा हो चुकी है।
अविनाश यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी
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