– मुख्य परीक्षा के लिए समय बढ़ाने की मांग पर अड़े अभ्यर्थी
– 2019 के बाद 13 फीसदी होल्ड परिणाम जारी करे आयोग
इंदौर। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) परीक्षा और परिणाम को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहा है। कल दोपहर से सैकड़ों अभ्यर्थी रेसीडेंसी स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अभी भी जारी है। सभी अभ्यर्थियों का कहना है कि 2023 मुख्य परीक्षा 11 मार्च से शुरू होगी, जिसकी समयसीमा कम है। परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। रातभर अभ्यर्थी सडक़ पर डटे रहे।
एमपीपीएससी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा दिसंबर में आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम 18 जनवरी को घोषित किया गया। इसके बाद मुख्य परीक्षा 11 मार्च से होगी, ऐसे निर्देश जारी किए गए थे। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा से मुख्य परीक्षा के बीच कम से कम 90 दिन का समय तैयारी के लिए रहना चाहिए, लेकिन इस बार एमपीपीएससी ने डेढ़ महीने का समय ही दिया है, जो तैयारी के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। समय बढ़ाया जाए। धरना दे रहे अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि 2019 के बाद से सभी परीक्षाओं के परिणाम पूरे जारी नहीं हुए। 13 फीसदी परिणाम होल्ड पर रखे हुए हैं, जिसके कारण परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों में असमंजस और पीड़ा दोनों व्याप्त है। अभ्यर्थियों की मांग है कि एक परीक्षा के दो परिणाम न देते हुए रुके हुए परिणामों जारी करें और जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उसके निराकरण के बाद पोस्टिंग की जाए। अभ्यर्थियों की एक मांग यह भी है कि 2024 परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ है, उसमें केवल 110 पद दिए गए हैं। इन्हें 500 पदों तक बढ़ाया जाना चाहिए। अभ्यर्थी दीपक तिवारी का कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं हम कार्यालय के बाहर डटे रहेंगे। दोपहर बाद भूख हड़ताल करने का दावा अभ्यर्थियों द्वारा किया गया।
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