फिरोजाबाद। ‘कोई सुनने वाला नहीं है इस विभाग (पुलिस) में. यदि कप्तान साहब (captain sir) पहले ही सुन लिए होते तो मुझे यहां आने की आवश्यकता नहीं थी. कप्तान साहब यहां से गुजरे तो मैंने उनसे कहा कि इस थाली में से पांच रोटी आप खा लीजिए, अचार खा लीजिए… कम से कम आपको पता तो चले कि आपके सिपाही 12 घंटे ड्यूटी करने के बाद ये रोटियां खा रहे हैं. इन रोटियों को आप कुत्तों को डाल दीजिए. क्या आपके बेटा-बेटी इसे खा सकते हैं? मैं केवल आपसे यह पूछना चाहता हूं बस. मैं सुबह से भूखा हूं. मैं किससे कहूं…’ कहते-कहते कॉन्स्टेबल मनोज कुमार (Constable Manoj Kumar) फूट-फूटकर रो पड़े.
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद (Firozabad) की पुलिस मेस में खाने की क्वालिटी को लेकर जब बुधवार को कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने दुखड़ा सुनाया तो वहां मौजूद दूसरे पुलिसवाले भी सन्न रह गए. मनोज ने कहा, ‘कोई सुनने वाला नहीं यहां. यहां पर मेरे मां-बाप थोड़े ही हैं. इतने कहने पर मुझे बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है. आप ही कहिए मेरे साथ ज्यादती हो रही है या नहीं. मेरा सभी से विनम्र निवेदन है कि इस पर एक्शन लिया जाए.’
कॉन्स्टेबल ने कहा कि पुलिस लाइन की मेस में में बहुत निम्न स्तर का खाना बनता है. कच्ची रोटी, दाल में केवल पानी… यही खाना बनाया जाता है. इसको लेकर उन्होंने अधिकारियों से भी बात की. इस बारे में अधीक्षक को भी बताया, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. जब किसी ने मांग पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने खुद ही खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर डाला.
सीओ करेंगे मामले की जांच
हैरानी की बात यह है कि जब कॉन्स्टेबल मीडिया कर्मी से बात कर रहे थे, सिविल लाइंस चौकी के सिपाही जबरन उन्हें पुलिस की जीप में ले गए. इस बीच मेस की खाने की गुणवत्ता से संबंधित कॉन्स्टेबल का वीडियो सामने आने पर फिरोजाबाद पुलिस ने सीओ सिटी को फूड क्वॉलिटी की जांच करने को कहा है. फिरोजाबाद पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि शिकायकर्ता मनोज कुमार को अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी और लापरवाही को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई बार सजा दी गई है.
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