काबुल। भारत ने अफगानिस्तान में करीब 10 महीने बाद फिर राजनयिक उपस्थिति दर्ज कराई है। हालांकि अभी काबुल के दूतावास में सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञ भेजे गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से भारत ने दूतावास से सभी अधिकारियों को सुरक्षा वजहों से हटा लिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, एक तकनीकी टीम काबुल पहुंच चुकी है और दूतावास में तैनात की गई है। यह टीम अफगानों के साथ हमारे संबंध बढ़ाने और मानवीय सहायता की प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा, काबुल के दूतावास को बंद नहीं किया गया था। केवल भारतीय कर्मियों को बुलाया गया था। स्थानीय स्टाफ काम कर रहा था। माना जा रहा है कि तालिबान सरकार ने भारत को दूतावास खोलने का फैसला करने पर पर्याप्त सुरक्षा का भरोसा दिया है। तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खि ने ट्वीट किया, इस्लामिक अमीरात काबुल में राजनयिकों और तकनीकी टीम को भेजने के भारत के फैसले का स्वागत करता है। बल्खि ने कहा, अफगानिस्तान में भारतीय राजनयिकों की वापसी और दूतावास को फिर से खोलना दर्शाता है कि देश में सुरक्षा कायम है।
मृतक संख्या बढ़कर 1,150
सरकारी समाचार एजेंसी बख्तर के तालिबान निदेशक अब्दुल वाहिद रायन ने कहा कि भूकंप के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,150 हो गई है। कम से कम 1,600 लोग घायल हुए हैं। गयान जिले में भूकंप से कम से कम 1,000 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले में 800 मकानों को नुकसान पहुंचा है।
तीन हफ्ते पहले गया था विदेश मंत्रालय का दल
विदेश मंत्रालय में अफगानिस्तान मामलों के प्रभारी जेपी सिंह के नेतृत्व में भारतीय अधिकारियों के दल के अफगानिस्तान का दौरा करने और वहां के विदेश मंत्री मावलावी आमिर खान मुत्तक्की से भेंट करने के तीन सप्ताह बाद दूतावास में भारतीय कर्मियों को तैनात किया गया है। सिंह और उनकी टीम ने तालिबान सरकार के अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों से भी भेंट की थी। इस दौरान तालिबान सरकार ने सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
भारत सरकार ने सबसे पहले पहुंचाई मदद
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत की ओर से भूकंप राहत सहायता की पहली खेप काबुल पहुंच गई है। इसे भारतीय टीम को सौंप दिया गया है। भारत भूकंप प्रभावित अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले सहायता प्रदान करते हुए दो विमानों से वहां 27 टन आपात राहत सामग्री भेज चुका है।
संकट में अफगान जनता के साथ खड़ा है भारत : विदेश मंत्रालय
भूकंप से बुरी तरह प्रभावित अफगानिस्तान को राहत सामग्री भेजने के एक दिन बाद भारत ने कहा कि वह मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान की जनता के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके साथ हमारे सदियों पुराने संबंध हैं। इधर, यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कहा, मैं पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने जोर दिया, अफगानिस्तान के प्रति भारत का रवैया उसकी ऐतिहासिक दोस्ती तथा अफगानिस्तान के लोगों के साथ विशेष संबंधों पर आधारित है। बुधवार को पूर्वी अफगानिस्तान के पक्तिका में आए भीषण भूकंप में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से लगातार राहत-बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
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