मुंबई: वसई आई दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक 20 अक्टूबर को वसई पुलिस द्वारा पूछताछ को बुलाने के लिए की गई कॉल के बाद आफताब पूनावाला अलर्ट हो गया था और उसने बचे सबूतों को तेजी से नष्ट करना शुरू कर दिया था. पुलिस के सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा वालकर का मोबाइल 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक एक्टिव था. 23 अक्टूबर को मानिकपुर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए जाने से पहले आफताब ने श्रद्धा के फोन को वसई क्रीक समुद्र में फेंक दिया था.
सूत्रों के मुताबिक वसई पुलिस ने आफताब से पूछताछ के दौरान उसके मोबाइल फोन और उसके अन्य गैजेट्स को चेक नही किया था. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब ने श्रद्धा का सिम कार्ड मई में ही नष्ट कर दिया था. लेकिन उसके मोबाइल को अपने पास ही रखा था और वाई-फाई से उसे कनेक्ट करके श्रद्धा के दोस्तों के साथ चैट करता था, ताकि किसी को कोई संदेह न हो. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब हत्या करने के बाद मुंबई में श्रद्धा के कुछ दोस्तों से भी मिला था और श्रद्धा द्वारा रिलेशनशिप तोड़ने की कहानी उन्हें भी सुनाई थी, ताकि लोगों को उस पर किसी तरह का शक न हो.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक मानिकपुर पुलिस के पूछताछ के बाद आफताब 4 नवंबर को दिल्ली वापस आया और बचे सबूतों को नष्ट करने में लग गया. श्रद्धा की हत्या में इस्तेमाल हथियार को भी उसने मानिकपुर पुलिस की पूछताछ के बाद ही ठिकाने लगाया. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया था. लेकिन उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में कोई खास जानकारी नहीं दी है. आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने वाले एफएसल के अफसरों का कहना है कि उसके टेस्ट का सबसे जरूरी और आखिरी सेशन केवल इसलिए पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि उसे बुखार था. अब उसका नार्को टेस्ट कराने की तैयारी है.
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