नई दिल्ली. भारत तीसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने को पूरी तरह से तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस बार 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (13th BRICS summit) की 9 सितंबर 2021 को अध्यक्षता करेंगे. कोरोना वायरस महामारी के कारण बने हालात के मद्देनजर इस बार सम्मेलन पूरी तरह से वर्चुअली होगा.
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हो रहे हैं. माना जा रहा है कि बैठक में सभी देशों का फोकस अफगानिस्तान पर तालिबान (Afghanistan Taliban) के कब्जे के बाद बदलते हालात पर होगा. इस बैठक में भारत और चीन के बीच जारी विवाद (India-China Disputes) पर भी बातचीत हो सकती है.
पिछले साल गलवान घाटी विवाद के बाद हुआ था समिट
ब्रिक्स का पिछला शिखर सम्मेलन नवंबर 2020 में हुआ था. तब पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग गलवान घाटी प्रकरण के बाद एक ही मंच पर आमने-सामने आए थे. भारत ने ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के नए सदस्यों के तौर पर बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और उरुग्वे का भी स्वागत किया.
पिछले शिखर सम्मेलन में चीन ने कहा था कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक अहम मंच है. यह अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक सकारात्मक शक्ति की तरह है. इस बार शिखर सम्मेलन का विषय BRICS@15 निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग है.
एनएसए अजित डोभाल समिट में पेश करेंगे अपनी रिपोर्ट
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval), न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो (Marcos Troyjo), ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी (Dr Sangita Reddy) और ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर (Onkar Kanwar) इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपनी-अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.
भारत इससे पहले 2012 और 2016 में भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर चुका है. पिछले साल कोविड-19 महामारी के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था.
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