काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान की नई सरकार बन गई है. तालिबान (Taliban) की नई सरकार के बनने के साथ ही अफगानिस्तान में विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गया है. काबुल (Kabul) से लेकर हेरात (Herat) तक हजारों लोग सड़कों पर महिलाओं और बच्चों के साथ तालिबान शासन और पाकिस्तान (Taliban Rule and Pakistan) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Protests) करते नजर आ रहे हैं. अफगानिस्तान में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से तिलमिलाए तालिबान ने अब प्रदर्शनकारियों के लिए कई तरह की शर्तें तय(Various conditions fixed for protesters) कर दी हैं.
अफगानिस्तान पर कब्जा कर नई अंतरिम सरकार की घोषणा करने वाले तालिबान ने कहा है कि अब लोगों को किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करने से पहले न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन करने का उद्देश्य, नारे, स्थान, समय और विरोध से जुड़ा पूरा विवरण सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा करना होगा.
इसके साथ ही तालिबान की नई सरकार ने फरमान जारी किया है कि किसी भी प्रदर्शन से 24 घंटे पहले प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा अंगों को प्रदर्शन से जुड़ी जानकारी देनी होगी. आदेश में साफ तौर पर बताया गया है कि इन शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि अफगानिस्तान के छात्रों ने अपने देश पर तालिबान के नियंत्रण और आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप के खिलाफ बुधवार को काबुल में विरोध प्रदर्शन किया था. सभी प्रदर्शनकारी छात्र हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर शहर के कॉरपोरेशन सर्कल में जमा थे और तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. गौरतलब है तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार की घोषणा कर दी है. मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है. इसके साथ ही मुल्ला बरादर और अब्दुल सलाम हनफी को डिप्टी पीएम बनाया गया है. सिराजुद्दीन हक्कानी को देश का गृह मंत्री तो मुल्ला उमर के बेटे मुहम्मद याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है. नई सरकार में किसी भी बाहरी को नहीं शामिल किया गया है. इससे पहले चर्चा चल रही थी अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला को जगह मिल सकती है. इसके अलावा नई सरकार में एक भी महिला को जगह नहीं दी गई है.