कैंप इस्तिकलाल। उत्तरी अफगानिस्तान (Northern Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की सक्रियता बढ़ने के कारण हजारों लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर (Thousands of citizens forced to flee) हो गए हैं। देश के उत्तरी हिस्से में स्थित मजार-ए-शरीफ में एक चट्टान पर बने एक अस्थायी शिविर में ऐसे करीब 50 मजबूर परिवार रह रहे हैं। वे प्लास्टिक के टेंट में चिलचिलाती गर्मी में रहते हैं, जहां दोपहर में पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
सरकार के शरणार्थी एवं प्रत्यावर्तन मंत्रालय (ministry of refugee and repatriation)के अनुसार, तालिबान की गतिविधियों के बढ़ने के कारण पिछले 15 दिन में 56,000 से अधिक परिवार अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं, जिनमें से अधिकतर देश के उत्तरी हिस्से से हैं।
मजार-ए-शरीफ में बने अस्थायी शिविर के आसपास एक भी पेड़ नहीं है और पूरे शिविर के लिए केवल एक शौचालय है। वह एक गंदा सा तंबू है, जिसमें से काफी दुर्गंध आती है। कैंप इस्तिकलाल में एक के बाद एक परिवार ने तालिबानी कमांडर द्वारा भारी-भरकम हथकंडे अपनाने की बात बताई, जिन्होंने उनके कस्बों तथा गांवों पर कब्जा कर लिया है।
रातों रात घर छोड़कर बच्चों समेत भागे लोग
शरणार्थी शिविर में रहने वाली 11 या 12 साल की सकीना ने बताया कि उसके बल्ख प्रांत स्थित अब्दुलगन गांव पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। तालिबान द्वारा स्थानीय स्कूल को खाक करने के बाद उसने परिवार समेत घर छोड़ दिया। सकीना ने बताया कि आधी रात उसका परिवार सामान उठाकर गांव से भाग निकला। इंजीनियर बनने का सपना देखने वाली सकीना को शिविर में कई आवाजें आती हैं। वह कहती है, मुझे लगता है कि शायद तालिबान यहां भी आ गए हैं। मैं बहुत डरी हुई हूं।
अमेरिकी कमांडर ने कमान छोड़ी
अफगानिस्तान में शीर्ष अमेरिकी कमांडर जनरल ऑस्टिन स्कॉट मिलर ने करीब दो दशकों की सैन्य भागीदारी में सबसे लंबे समय तक सेवा देने के बाद सोमवार को एक समारोह में अपनी कमान छोड़ने का एलान किया। उन्होंने अपना काम अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल कैनेथ मैकेंजी को स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब तालिबान यहां कब्जा करता जा रहा है।
सिर्फ अफगान शिविरों में सीमित रहेंगे शरणार्थी : पाकिस्तान
अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर चिंतित पाकिस्तान के संघीय मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि इमरान सरकार अफगान शरणार्थियों को देश के शहरों में नहीं घुसने देगी। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को शिविरों तक ही सीमित रखा जाएगा। चौधरी ने कहा, यदि अफगानों ने शरण भी मांगी तो भी उन्हें इस संबंध में शिविरों के अलावा अन्य तरह की मदद नहीं दी जाएगी।
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