कोलकाता । अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का कब्जा हो जाने के बाद वहां आतंकी गतिविधियों (terrorist activities) में शामिल होने के लिए बांग्लादेश (Bangladesh) के कट्टरपंथी भी जाने की आशंका है। इसके लिए पश्चिम बंगाल से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh border) का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए हो सकता है। इसके मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (BSf) को अलर्ट पर रखा गया है। बीएसएफ के दक्षिण सीमांत, कोलकाता के डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा (international border) पर बीएसएफ पूरी तरह से अलर्ट है।
दरअसल, जब से बांग्लादेश के उच्चाधिकारियों से इस आशंका की जानकारी मिली है तभी से बीएसएफ ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है। इससे पहले ढाका के पुलिस कमिश्नर शफीकुल इस्लाम ने कहा था कि कुछ युवक भारत होकर अफगानिस्तान के लिए निकल चुके हैं। इनमें से कुछ को सुरक्षा एजेंसियों ने वहां हिरासत में भी लिया है। लेकिन शफीकुल ने हिरासत में लिए गए युवकों की संख्या नहीं बताई है। बांग्लादेश पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि तालिबान अभी सबसे शक्तिशाली है। इसी प्रचार से विभिन्न बांग्लादेशी आतंकी संगठन और उससे जुड़े कुछ कट्टर मानसिकता वाले युवक तालिबान ज्वाइन करना चाह रहे हैं।
वहीं, बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा है कि वह अफगानिस्तान के हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दरअसल, 20 साल पहले भी जब अफगानिस्तान में तालिबान ने ज़ोर पकड़ा था तब भी बांग्लादेश से बहुत युवक तालिबान से जुड़ने के लिए गए थे। इस बार भी तालिबान के उनसे जुड़ने के आह्वान के बाद बांग्लादेश में कई जिहादी मानसिकता वाले युवकों में तालिबानी लड़ाके बनने का ख्वाब सिर चढ़ कर बोल रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते दखल से बांग्लादेश भी चिंतित है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान बंगाल से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी भी पकड़े जा चुके है। ऐसे में बीएसएफ व अन्य एजेंसियां और सतर्क है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि न केवल बीएसएफ बल्कि कोलकाता पुलिस ने भी महानगर और आसपास रहने वाले अफगानी लोगों पर कड़ी नजर रखनी शुरू की है।
इस संबंध में गुलेरिया ने बताया कि पश्चिम बंगाल से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है और बॉर्डर पार करने वालों से गहन पूछताछ भी हो रही है। बीएसएफ की कोशिश है कि बांग्लादेश की सीमा का इस्तेमाल किसी भी तरह से कट्टरपंथियों के आवागमन के लिए ना हो सके।
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