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    चाबाहर पोर्ट भारत को मिलने से खुश हुआ अफगान तालिबान, पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश

  • May 23, 2024


    काबुल: तालिबान (taliban) की सरकार ने ईरान (iran) के चाबहार पोर्ट (chabahar port) को 10 साल के लिए भारत (india) को मिलने का जोरदार तरीके से स्‍वागत किया है। तालिबान ने कहा है कि अब उसे विकल्‍प मिल जाएगा और उसकी पाकिस्‍तान (pakistan) के कराची पोर्ट (karachi port) पर से निर्भरता कम हो जाएगी। यही नहीं तालिबान ने भारत के कदम का खुलकर समर्थन किया है और उसका मानना है कि इससे अब अफगानिस्‍तान में आर्थिक स्थिरता में आएगी और फायदा होगा। तालिबान सरकार अब चाबहार में एक विशेष जोन बनाना चाहती है ताकि अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार को किया जा सके। तालिबान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दोनों देशों के बीच साल 2023 में व्‍यपार 77 करोड़ 30 लाख डॉलर तक पहुंच गया है।


    तालिबानी सरकार के प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला मुजाहिद ने कहा, ‘हम सभी देशों के साथ बेहतर आर्थिक रिश्‍ते के पक्ष में हैं और चाबहार पोर्ट का विस्‍तार किया जाना चाहिए। चाबहार पोर्ट पर जितनी ज्‍यादा गत‍िव‍िधि बढ़ेगी, उतना ज्‍यादा क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता आएगी। इससे अफगानिस्‍तान को फायदा होगा और हम इसको समर्थन देते हैं।’ उन्‍होंने कहा कि चाबहार पोर्ट एक बदलाव करने वाला प्रॉजेक्‍ट है और इससे कराची पोर्ट पर से अफगानिस्‍तान की निर्भरता कम हो जाएगी। माना जा रहा है कि तालिबानी प्रवक्‍ता का कराची को लेकर दिया गया यह बयान पाकिस्‍तान को कड़ा संदेश है।

    चाबहार से पाकिस्‍तान को बड़ा झटका

    तालिबान के उद्योग मंत्रालय के प्रवक्‍ता अखुंदजादा अब्‍दुल सलाम जवाद ने कहा, ‘अफगानिस्‍तान और भारत व्‍यापार साल 2023 में 77 करोड़ 30 लाख डॉलर तक पहुंच गया है। इसमें करीब 58 करोड़ डॉलर का निर्यात है और 20 करोड़ डॉलर का आयात है।’ अफगानिस्‍तान का चेंबर ऑफ इंडस्‍ट्री मानता है कि चाबहार बंदरगाह को लेकर चल रहा घटनाक्रम पूरे क्षेत्र के देशों के लिए लाभदायक है। इसमें खासकर भारत और अफगानिस्‍तान शामिल हैं। बता दें कि हाल ही में अफगानिस्‍तान के उद्योग मंत्रालय ने ऐलान किया कि चाबहार पोर्ट के आसपास जमीन ली जाएगी और स्‍पेशल जोन बनाया जाएगा जो देश के व्‍यापारियों के लिए होगा।

    चाबहार पोर्ट जहां अफगानिस्‍तान के विकास के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। वहीं यह पाकिस्‍तान के लिए यह बड़ा झटका है। पाकिस्‍तान की सरकार कराची पोर्ट की सुविधा देने के नाम पर तालिबान को लूट रही थी और ब्‍लैकमेल कर रही थी। अफगानिस्‍तान से जहां पाकिस्‍तान ज्‍यादा पैसा ले रहा है, वहीं टीटीपी के खिलाफ ऐक्‍शन नहीं लेने के नाम पर उसे ब्‍लैकमेल कर रहा है। पाकिस्‍तान ने धमकाना शुरू कर दिया था कि चारों तरफ से जमीन से घ‍िरे अफगानिस्‍तान का रास्‍ता रोकने की धमकी दे रहा है। इसके बाद अब तालिबान भारत और ईरान की शरण में पहुंच गया है। अफगानिस्‍तान अगर ईरानी पोर्ट का इस्‍तेमाल करता है तो इससे पाकिस्‍तान को करोड़ों डॉलर का नुकसान होगा जो वह सुविधा देने के नाम पर वसूलता है।

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