नई दिल्ली। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री (Afghan minister) मोहम्मद हनीफ अतमार (Mohammad Hnif almar) ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Jaishankar) के साथ टेलीफोन पर बातचीत (Telephonic conversation) के दौरान अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि, तालिबान द्वारा व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन और वहां सक्रिय विदेशी आतंकवादी समूहों के बारे में बात की। अतमार ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक विशेष सत्र (Special UN security session) आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अफगान विदेश कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है।अतमार ने अफगान लोगों पर तालिबान के क्रूर हमलों में अभूतपूर्व वृद्धि पर चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप कई नागरिक मारे गए और कई हजारों लोग विस्थापित हुए।अतमार ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में विदेशी लड़ाकों और आतंकवादी समूहों की मिलीभगत से किए गए अपने हालिया हमलों में किए गए युद्ध अपराधों पर प्रकाश डाला। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का प्रमुख उल्लंघन बताया और विनाशकारी परिणामों की चेतावनी दी।क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि पर अफगान युद्ध के विनाशकारी परिणामों को देखते हुए, विदेश मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष के साथ अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाने के संबंध में काबुल के प्रस्ताव को उठाया।
भारतीय विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में तालिबान और आतंकवादियों द्वारा हिंसा, असुरक्षा और मानवाधिकारों के स्पष्ट उल्लंघन के बढ़ने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के आयोजन को मानवाधिकारों के हनन की तत्काल समाप्ति और अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अफगानिस्तान के प्रस्ताव की समीक्षा करने और आवश्यक परामर्श करने के लिए अपने देश की प्रतिबद्धता के लिए मंत्री अतमार को आश्वस्त किया। दोनों पक्षों ने दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया पर आगामी बैठकों में एजेंडे और भागीदारी के स्तर पर भी चर्चा की।
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