नई दिल्ली: पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Pakistan and Afghanistan) के बीच सीमा पर तनाव काफी ज्यादा हो गया है. आज यानी 15 दिसंबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डुरंड लाइन (durand line) पर चमन इलाके में तालिबान लड़ाकों (taliban fighters) ने पाकिस्तानी क्षेत्र में रॉकेट दागे. इससे पाकिस्तान की ओर से कई लोग घायल हो गए. डूरंड रेखा के पाकिस्तान की ओर महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 नागरिक घायल हो गए. पाकिस्तानी सेना (Pakistani army) की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के अनुसार, अफगान सीमा बलों ने पाकिस्तानी ठिकानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की.
काबुल की रिपोर्ट् के अनुसार, चमन बॉर्डर क्रॉसिंग को खाली करा लिया गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) फाइटर्स और अफगानिस्तान तालिबान दोनों के द्वारा भारी मशीन गन और मोर्टार फायरिंग में 15 से अधिक नागरिक घायल हुए. इसके कारण मेडिकल इमरजेंसी घोषित की गई.
पाकिस्तान की सेना ने सीमा पर बाड़ की मरम्मत करने की कोशिश की, जिसके बाद झड़पें हुईं. इसी कार्रवाई ने टीटीपी और अफगान तालिबान दोनों को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया. इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी में कम से कम सात पाक नागरिक मारे गए थे.
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि अफगान तालिबान ने सीमा पार से गोलीबारी के दौरान तोपों और मोर्टार सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल किया. ताजा घटना तब हुई जब यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय का दौरा कर रहे थे. उन्होंने पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की.
बताया गया कि अफगान तालिबान द्वारा दागे गए मोर्टार से पाकिस्तानी सीमा के कई स्थानों को निशाना बनाया गया. टीटीपी और अफगान तालिबान दोनों ने पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला किया. जानकारी के अनुसार, ऐसी झड़पों का सिलसिला फैल चुका है और दोनों देशों की सेनाएं सीमा के पास एक-दूसरे की चौकियों को निशाना बना रही हैं. इनमें कई नागरिक घायल हुए हैं.
चमन के जिला मुख्यालय अस्पताल के डॉ. अब्दुल मलिक ने बताया कि कम से कम 15 घायल नागरिकों को अस्पताल लाया गया. अफगान सैनिकों द्वारा सीमा पार से किया गया यह दूसरा हमला था. उन्होंने 10 दिसंबर को भी ऐसा ही किया था, जिसमें सात नागरिकों की मौत हो गई थी और 16 अन्य घायल हो गए थे. पाकिस्तान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है, लेकिन अफगानिस्तान के अधिकारियों ने इसे लेकर खेद व्यक्त किया, जिसके बाद इस्लामाबाद ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया.
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