वाशिंगटन (Washington)। अपने सैन्य नेटवर्क (military network) में चीनी वायरस (Chinese virus) की मौजूदगी से अमेरिका (America) सहम गया है। अमेरिका का मानना है कि चीन (China) ने यह कंप्यूटर कोड (computer code) सैन्य नेटवर्क में इसलिए फिट किया है, ताकि युद्ध की स्थिति में वह अमेरिकी सैन्य अभियानों को बाधित कर सके। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) के प्रशासन ने कंप्यूटर कोड की खोज शुरू कर दी है।
अमेरिकी सैन्य, खुफिया व सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने गुआम के टेलीकम्युनिकेशंस सिस्टम में रहस्यमय कंप्यूटर कोड का पता लगाने का दावा किया था। बता दें कि गुआम में अमेरिका का बड़ा सैन्य ठिकाना है। कंपनी का दावा था कि यह कंप्यूटर कोड अमेरिका के अन्य सैन्य ठिकानों में भी हो सकता है। हालांकि, वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने रिपोर्ट का खंडन किया है।
चीनी सेना पर संदेह, व्हाइट हाउस तक पहुंचे हैकर
वहीं, मालवेयर की खोज ने यह संदेह पैदा कर दिया है कि संभवतः पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के लिए काम करने वाले चीनी हैकर हाल के दिनों में व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं।
भारत पर भी साइबर हमले करता रहा है चीन
ये पहली बार नहीं है, जब इस तरह चीन का नाम साइबर हमलों में सामने आया हो। भारत पर साइबर हमलों में चीनी संलिप्तता कई बार सामने आ चुकी है। वर्ष 2015 में संसद में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया था कि जिन देशों से भारत की साइबर सुरक्षा को खतरा है, उनमें चीन पहले स्थान पर है। साइबर हमलों पर नजर रखने वाली संस्था इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट में कहा था कि जब भी भारत में कोई बड़ी घटना होती है, उसके बाद देश पर साइबर हमले तेज हो जाते हैं।
कारोबार भी हो सकता है प्रभावित
अमेरिकी संसद के एक अधिकारी ने मालवेयर को टाइम बम बताया है। उन्होंने कहा कि यह मालवेयर चीन को अमेरिकी सैन्य ठिकानों की बिजली, पानी व संचार प्रणाली को ठप करने तथा वाशिंगटन के सैन्य अभियानों को प्रभावित करने की शक्ति प्रदान करेगा। यह घरों की आपूर्तियां और कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
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