नई दिल्ली । पश्चिमी हिन्द महासागर क्षेत्र में तेजी से घुसपैठ कर रहे चीन को घेरने के लिए भारत शांति, सुरक्षा और सहयोग विषय पर आईओआर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के साथ 4 फरवरी को एयरो इंडिया में एक सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मेडागास्कर और कोमोरोस के रक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। दोनों देशों ने इस सम्मेलन में अपने-अपने रक्षा मंत्रियों के शामिल होने की पुष्टि की है। मेडागास्कर का प्रतिनिधिमंडल रक्षा मंत्री रिचर्ड राकोटोनिरिना के नेतृत्व में और कोमोरोस अपने विदेश मंत्री धोइहिर धूलकमल के नेतृत्व में रक्षा प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।
चीन हिन्द महासागर में पूरी तरह अपनी सक्रियता बढ़ाकर इस इलाके में पानी के नीचे से घुसपैठ कर रहा है। चीन ने दिसम्बर 2019 के मध्य में हिन्द महासागर में सी विंग ग्लाइडर नाम के अंडरवाटर ड्रोन तैनात किए थे। अंडरवाटर ड्रोन्स की इस फ्लीट ने महीनों तक समुद्र के नीचे रहते हुए नौसेना के खुफिया उद्देश्यों के लिए निगरानी करते हुए डेटा इकठ्ठा किये थे। इसके बाद चीन ने फरवरी 2020 में फिर इन्हें रिकवर कर लिया। इस दौरान इन चीनी ड्रोन्स ने करीब 3400 ऑब्जर्वेशन किए। चीन भी अब इस तरह के सी ग्लाइडर बड़ी मात्रा में हिन्द महासागर में उतार रहा है। चीन इसके पहले अपने एक बर्फ तोड़ने वाले जहाज से आर्कटिक में भी इस तरह के अंडरवाटर ड्रोन उतार चुका है।
भारतीय अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि एयरो इंडिया में होने वाला सम्मेलन संस्थागत और सहकारी वातावरण में संवाद को बढ़ावा देने का एक प्रयास है जो हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दे सकता है। मेडागास्कर और कोमोरोस के भू राजनीतिक महत्व को स्वीकार करते हुए विदेश मंत्रालय ने 2019 में मॉरीशस, सेशेल्स मालदीव और श्रीलंका के अलावा इन देशों को आईओआर डिवीजन में शामिल किया था। हालांकि मेडागास्कर अभी भी रक्षा अटैची की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है जिसकी रक्षा मंत्रालय से जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उधर, चीन भी सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर नजर रखने के लिए मेडागास्कर में एक रक्षा अटैची नियुक्त करने पर विचार कर रहा है।
भारत ने 2018 में मेडागास्कर के साथ एक रक्षा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत मेडागास्कर के रक्षा कर्मियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए कई परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए कहा गया था। फ्रांस को पहले ही व्यापार, निवेश और सहायता के मामले में मेडागास्कर एवं कोमोरोस के मुख्य भागीदार के रूप में प्रतिस्थापित किया जा चुका है। भारत और चीन दोनों ही भू-रणनीतिक द्वीपों के साथ द्विपक्षीय जुड़ाव को तेज कर रहे हैं क्योंकि दोनों देशों ने पश्चिमी हिन्द महासागर में अपनी नौसेना की उपस्थिति बढ़ाई है।
भारत ने 2019 में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की कोमोरोस की यात्रा के बाद से पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा और रक्षा के संदर्भ में स्थितियां मजबूत की हैं। कोमोरोस के लिए भारत से नायडू की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी, तब दोनों देशों ने भारत के साथ रक्षा सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर भारत ने कोमोरोस के लिए उच्च गति वाली इंटरसेप्टर नौकाओं की खरीद के लिए 20 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी थी। भारतीय नौसैनिक जहाज 2008 से रणनीतिक मोजाम्बिक चैनल के द्वीपसमूह के लिए ‘सद्भावना यात्रा’ कर रहे हैं।
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