चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले विवादों में रहे पंजाब के एडवोकेट जनरल एपीएस देओल (APS Deol) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि एपीएस देओल ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपना इस्तीफा सौंपा है. बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस देओल को पंजाब का महाधिवक्ता (Advocate General) नियुक्त किए जाने के बाद चन्नी सरकार (Channi government) विपक्ष के निशाने पर आ गई थी.
देओल पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी (Sumedh Singh Saini) और निलंबित आईजी परमराज सिंह उमरानंगल (Paramraj Singh Umranangal) के वकील थे. यह दोनों अधिकारी बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी थे. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक पंजाब की चन्नी सरकार द्वारा एपीएस देयोल की नियुक्ति के बाद से ही उनकी नियुक्ति विवादों में आ गई थी.
दरअसल, बेअदबी मामले के खिलाफ देओल ने ही कोर्ट में पैरवी की थी. इसके अलावा उन्होंने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का केस भी लड़ा था. बता दें कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी एपीएस देओल की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे. इसी मुद्दे पर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था.
उनकी नियुक्ति के बाद प्रदेश में आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने चन्नी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि जो व्यक्ति बहबल कलां पुलिस फायरिंग मामले में आरोपी लोगों का वकील रहा हो वह कैसे पंजाब के लोगों को न्याय दिलाएगा. 2015 में फरीदकोट जिले के कोटकपूरा और बहबल कलां में बेअदबी और उसके बाद पुलिस फायरिंग की घटनाओं को हमेशा राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना गया है.
हालांकि देओल ने उस वक्त कहा था कि उन्होंने सैनी की फाइल वापस कर दी है. उन्होंने कहा, ‘मेरा पहला हित राज्य का हित है. देओल सैनी के मुख्य वकील थे और फरवरी 2022 में राज्य में विधानसभा चुनाव तक पंजाब पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज सभी चार प्राथमिकी में पूर्व डीजीपी को गिरफ्तारी से राहत दिलाने में सफल रहे हैं.
एपीएस देओल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील हैं, जो आपराधिक और संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ हैं. बठिंडा में एक आपराधिक वकील मल्कियत सिंह देओल के बेटे, एपीएस देओल वर्ष 1990-97, 1997-2002 तक दो बार पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के सदस्य रहे. वह 31 साल की उम्र में बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सबसे कम उम्र के चेयरमैन भी रहे हैं. अब सुमेध सैनी और निलंबित आईजी परमराज उमरानंगल के वकील के रूप में देओल न तो पेश हो पाएंगे और न ही अपने मामलों में राज्य को सलाह देंगे.
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