नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को टीवी चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें सरकार ने चैनलों से किसी भी तरह के उकसावे वाली सामग्री नहीं चलाने की सलाह दी है। साथ ही मंत्रालय ने रूस-यूक्रेन युद्ध, उत्तर-पश्चिम दिल्ली की घटनाओं की कवरेज और डिबेट की भाषा पर आपत्ति जाहिर की है। खास बात है कि 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा हो गई थी। इसके एक हफ्ते बाद ही सरकार की तरफ से यह नोट जारी किया गया है।
उत्तर-पश्चिम दिल्ली में हुई घटनाओं की कवरेज को लेकर सरकार ने कहा कि इसमें ‘उकसाने वाली हेडलाइन और हिंसा के वीडियो थे, जो समुदायों को बीच सांप्रदायिक नफरत बढ़ा सकते हैं और कानून-व्यवस्था और शांति भंग कर सकते हैं।’ यह जारी जांच की प्रक्रिया को असत्यापित सीसीटीवी फुटेज दिखाकर बधित कर रही हैं। इसके अलावा सरकार ने ‘मनगढ़ंत हेडलाइन्स’ और अधिकारियों की कार्रवाई को ‘सांप्रदायिक रंग’ दिए जाने का भी जिक्र किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मंत्रालय ने कहा, ‘चैनल गलत दावे कर रहे हैं और लगातार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों/एक्टर्स का गलत हवाला दे रहे हैं, निंदनीय हेडलाइन/टैगलाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका खबर से कोई भी संबंध नहीं है।’ आगे कहा गया कि इन चैनलों के कई पत्रकार और न्यूज एंकर्स ने दर्शकों को भड़काने के इरादे से कई मनगढ़ंत और बढ़ा चढ़ाकर बयान दिए।
एडवाइजरी में डिबेट को लेकर सरकार ने कहा, ‘यह भी पाया गया है कि न्यूज में कुछ चैनलों ने उकसाने वाली और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, सांप्रदायिक बयान और अपमानजनक बातों वाली बहस प्रसारित की, जिनका दर्शकों पर गलत मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है और बड़े स्तर पर शांति भंग हो सकती हैं।’
खास बात है कि हाल ही में दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात समेत कई राज्यों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति देखी गई है। फिलहाल, जहांगीरपुरी मामले में पुलिस की जांच जारी है। अब खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर मामला दर्ज कर लिया है।
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