नई दिल्ली (New Delhi)। तापमान में अचानक वृद्धि (sudden rise in temperature) के बाद आईसीएआर पटना (ICAR Patna) ने पूर्वी राज्यों के किसानों के लिए एडवाइजरी (advisory for farmers) जारी की है। आईसीएआर निदेशक अनूप दास ने कहा कि अब आगे तापमान में प्रत्येक एक डिग्री की वृद्धि से गेहूं का उत्पादन (production of wheat) 6 से दस फीसदी तक कम हो सकता है। इससे बचाव के लिए किसान हवा शांत रहने पर दोपहर बाद सिंचाई करें।
उन्होंने बताया कि उचित रसायन का छिड़काव पौधों को रोग से बचाएगा। बिहार का तापमान अभी सामान्य से 4 से 5 डिग्री ऊपर रह रहा है। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब तापमान फरवरी माह में ही ज्यादा रह रहा है। गेहूं की उत्पादकता पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
आईसीएआर निदेशक के अनुसार तने में गांठ और पुष्पन के बाद पत्तों पर 0.2% पोटेशियम ऑर्थोफॉस्फेट या 0.2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव करने से गर्मी के प्रति सहनशीलता बढ़ेगी। दोपहर के समय जब हवा शांत होती है, तब हल्की सिंचाई करें।
तापमान में अचानक वृद्धि के कारण भूरा रतुआ रोग लगने की आशंका है। गेहूं में भूरे रतुआ को नियंत्रित करने के लिए प्रोपिकोनाजोल 25 ई सी 200 लीटर पानी में 15 दिनों के अंतराल पर डालें। मसूर और चना में थायोफनेट मिथाइल 70%, डब्लू पी 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करना फायदेमंद रहेगा। इससे उकठा रोग नियंत्रित कर सकते हैं।
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