बर्लिन। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को रोकने के लिए जर्मनी (Germany) ने टीके की मिक्स डोज(mix dose of vaccine) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जर्मनी की सरकार (Germany Government) ने लोगों को सलाह दी है कि लोग ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके (Oxford-AstraZeneca Vaccines) की पहली डोज के बाद दूसरी डोज में फाइजर या मॉडर्ना (pfizer or moderna) का टीका लगवा सकते हैं।
जर्मनी की सरकार ने कहा है कि दो अलग-अलग टीके की डोज में चार सप्ताह या इससे अधिक का अंतर रख सकते हैं। टीकाकरण पर निगरानी करने वाली समिति ने कहा है कि अभी एस्ट्राजेनेका टीके की दो डोज के बीच का अंतर नौ या इससे अधिक सप्ताह का है। वैक्सीन की मिक्स डोज के बाद ये अंतर चार सप्ताह का हो जाएगा। इससे अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी।
डेल्टा वैरिएंट को लेकर जर्मनी चिंतित
जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स साफ्र ने कहा है कि जर्मनी को लगता है कि बहुत अधिक संक्रामक माने जा रहा कोरोना का डेल्टा वैरिएंट जुलाई के अंत तक संक्रमण का 80 फीसदी कारक होगा। देश में अब तक सिर्फ 55 फीसदी आबादी को कम से कम टीके की एक डोज लग चुकी है। दूसरी डोज जितनी जल्दी लगेगी संक्रमण से बचाव उतना ही अधिक होगा। इसको लेकर कोई कोताही नहीं होगी।
टीके की मिक्स डोज ज्यादा असरदार
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि एस्ट्राजेनेका टीके के साथ फाइजर का टीका मजबूत रोग प्रतिरोधक तंत्र बनाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने ये भी दावा किया था कि अगर किसी ने पहली डोज एस्ट्राजेनेका की ली है तभी वो दूसरी डोज में फाइजर या मॉडर्ना का टीका लगवा सकता है। दूसरी डोज में एस्ट्राजेनेका टीका लगवाने से इम्युनिटी पर प्रभाव नहीं देखा गया है।
मिक्स डोज के लिए दिशा-निर्देश नहीं: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट पैनल के प्रमुख जोवाचिम हॉमबैक का कहना है कि ये बहुत बड़ी और अच्छी खबर है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि एस्ट्राजेनेका और फाइजर के टीके को छोड़कर अन्य टीकों के मिक्स डोज को लेकर शोध जारी है। अभी डब्ल्यूएचओ ने मिक्स डोज के इस्तेमाल को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया है। टीके की मिक्स डोज के असर और सुरक्षा को लेकर विश्लेषण किया जाएगा।
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