– 102 विधायकों के पास पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति, एक पर हत्या, पांच पर हत्या के प्रयास, दो पर दुष्कर्म के केस
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 16वीं विधानसभा के चुनाव परिणामों (election results of 16th Assembly) की घोषणा (Announcement) के बाद मंगलवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) (Association for Democratic Reforms (ADR)) ने नवनिर्वाचित विधायकों के संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों में 205 करोड़पति हैं, जबकि इनमें से 102 विधायक ऐसे हैं, जिनके पास पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। वहीं, प्रदेश की 16वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायकों में से एक पर हत्या और पांच पर हत्या के प्रयास और दो पर रेप और अन्य तरह के गंभीर अपराध दर्ज हैं। इसके अलावा दो विधायक ऐसे हैं, जो सिर्फ हस्ताक्षर कर पाते हैं।
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मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव 17 नवंबर को एक ही चरण में संपन्न हुए और सभी 230 सीटों पर तीन दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए गए। प्रदेश में इस बार भाजपा के 163, कांग्रेस के 66 और भारत आदिवासी पार्टी से एक उम्मीदवार विधानसभा पहुंचा है। एडीआर ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ पत्रों के विश्लेषण आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। एडीआर द्वारा मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 230 विधायकों में से 90 (39 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 34 (15 फीसदी) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि 2018 में निर्वाचित हुए 94 (41 फीसदी) विधायकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज थे। इनमें 47 (20 फीसदी) के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज थे।
रिपोर्ट के अनुसार, एक विधायक पर हत्या से संबंधित, पांच के खिलाफ हत्या के प्रयास, तीन के खिलाफ महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मामले दर्ज हैं। दलवार बात करें तो भाजपा के 51 विधायक, कांग्रेस के 38 और भारत आदिवासी पार्टी के एक विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें भाजपा के 16, कांग्रेस के 17 और भारत आदिवासी पार्टी के एक विधायक पर गंभीर मामले दर्ज हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मप्र के नवनिर्वाचित 230 विधायकों में से 205 (89 फीसदी) करोड़पति हैं, जबकि पिछले 2018 के चुनाव में 230 में से 187 (81 फीसदी) विधायक करोड़पति थे। दलवार आंकड़ों के अनुसार, इस बार नवनिर्वाचित विधायकों में भाजपा के 144 (88 फीसदी) और कांग्रेस के 61 (92 फीसदी) करोड़पति हैं। कुल करोड़पति विधायकों में 102 (44 फीसदी) की संपत्ति पांच करोड़ से ज्यादा, 71 (31 फीसदी) की संपत्ति दो करोड़ से ज्यादा, 48 (21 फीसदी) की संपत्ति 50 लाख से दो करोड़ और नौ (चार फीसदी) की संपत्ति 50 लाख रुपये से कम है।
भाजपा के करोड़पति विधायकों की औसत संपत्ति 12.35 करोड़ और कांग्रेस के विधायकों की औसत संपत्ति 10.54 करोड़ और भारत आदिवासी पार्टी के विधायक की औसत संपत्ति 18.32 लाख रुपये है। प्रदेश में सबसे अधिक संपत्ति रतलाम सिटी से भाजपा विधायक चेतन कश्यप के पास 296 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि दूसरे नंबर पर विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक के पास 242 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, जबकि तीसरे नंबर पर छिंदवाड़ा विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हैं, उनके पास 134 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।
शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार, 64 विधायक (28 फीसदी) पांचवीं से 12वीं तक पढ़े-लिखे हैं, जबकि 161 (70 फीसदी) विधायकों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा है। वहीं, तीन विधायक डिप्लोमा धारक और दो विधायक केवल साक्षर (हस्ताक्षर करने योग्य) हैं।
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