भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बच्चों के पोषण आहार के व्यवस्थित वितरण और कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों को ‘एडाप्ट एन आंगनवाड़ी’ (Adopt an Anganwadi) अभियान के तहत गोद लिया जा रहा है. अब तक लगभग 77 हजार 185 सहयोगियों द्वारा पंजीयन कराया गया है. महिला बाल विकास विभाग द्वारा 63 हजार 344 सहयोगियों से संपर्क कर संबंधित आंगनवाड़ी केन्द्र में आवश्यक सहयोग के लिए सहमति प्राप्त कर ली गई है.
इस योजना का उद्देश्य यह है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को ऐसा परिवेश उपलब्ध कराया जाए जिससे कि उनका समग्र विकास संभव हो. इसी उद्देश्य से ऐसे दानदाताओं/सहयोगकर्ताओं को आंगनवाड़ी केन्द्रों से सम्बद्ध किया जा रहा है, जो आगंनवाडी केन्द्र को गोद लेकर इन केन्द्रों की आधारभूत आवश्यकताओं एवं सेवाओं में अपनी सहभागिता कर सकें. कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था इन आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर सेवाओं में सहयोग प्रदान कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 97135 आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. इन केन्द्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाऐं तथा 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है. सरकार का मानना है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य सुविधाओं की पूर्ति हेतु सामाजिक सहभागिता एवं जागरुकता आवश्यक है.
इसके तहत अब तक जबलपुर (Jabalpur) संभाग में 14 हजार 313 सहयोगियों ने पंजीयन कराया है. इसमें 13 हजार 13 को सहमति मिली है. सागर संभाग में 7 हजार 563 के पंजीयन के विरूद्ध 6 हजार 75 सहयोगियों को विभाग द्वारा सहमति दी गई है. होशांगाबाद संभाग में 4 हजार 485 ने पंजीयन कराया और 3 हजार 998 सहयोगियों से सहमति मिली है. उज्जैन (Ujjain) संभाग में आंगनवाड़ी को गोद लेने के लिए अब तक 8 हजार 966 सहयोगियों ने अपना पंजीयन कराया है. महिला-बाल विकास विभाग द्वारा इसमें से 6 हजार 989 को सहमति प्रदान की है.
अभियान में इंदौर संभाग में 10 हजार 895 सहयोगियों ने आंगनवाड़ी केन्द्र की जिम्मेदारी के लिए पंजीयन कराया है. इसमें 9 हजार 837 सहयोगियों को विभाग द्वारा सहमति प्रदान की गई है. रीवा संभाग में 8 हजार 932 सहयोगियों ने पंजीयन कराया, जिसमें 6 हजार 442 की सहमति प्रदान की गई है.
भोपाल संभाग में लगभग 7 हजार 746 सहयोगियों ने केन्द्र की जिम्मेदारी लेने के लिए पंजीयन करवाया है. विभाग द्वारा 6 हजार 248 को सहमति प्रदान की गई है. चम्बल संभाग में 3 हजार 877 पंजीयन के विरूद्ध 2 हजार 965 को सहमति दी गयी. ग्वालियर संभाग में 4 हजार 867 पंजीयन हुए. इसमें तीन हजार 865 सहयोगियों को सहमति मिली है. शहडोल संभाग में 2 हजार 266 सहयोगियों ने आंगनवाड़ी गोद लेने के लिए पंजीयन करवाया है. विभाग द्वारा 2008 को सहमति प्रदान की गई है.
इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी भवन एवं परिसर हेतु भूमि, नवीन आंगनवाड़ी भवन का निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, भवनों में मरम्मत कार्य एवं रंगाई पुताई, केवल रंगाई पुताई, पूर्व से निर्मित भवनों में बाउंड्रीवाल का निर्माण, झूला, फिसलपट्टी, सीसा, डबलवार, आदि, स्थायी प्रकृति के फर्नीचर, अन्य आधारभूत सेवाऐं, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति में सहयोग, यूनिफार्म, गर्म कपड़े स्वेटर कैप आदि, जूते-चप्पल, बैग, अन्य आवश्यक सामग्री, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं में सहयोग, कुपोषित बच्चों को सुपोषित करना, पोषण सेवाओं में सहयोग एवं अन्य सेवाऐं दी जाती हैं। व्यक्ति अथवा संस्था अपना पंजीयन कर एक अथवा अधिक आगनवाड़ी केन्द्रों को Adopt कर उसकी सम्पूर्ण आवश्यकताओं की जवाबदारी ले सकते हैं.
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