इंदौर। विद्यार्थियों को हाई स्कूल में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए वर्ष 2002 में उत्कृष्ट और मॉडल स्कूलों की शुरुआत प्रदेश में की गई थी। तकरीबन 22 साल से चल रहे इन सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए बाकायदा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है। इसके लिए जनवरी में प्रक्रिया शुरू होती है और मार्च में परीक्षाएं भी हो जाती हैं। संभवत: इस व्यवस्था में पहली बार 2 महीने की देरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई है।
इंदौर शहर में शासकीय उमावि बाल विनय मंदिर स्कूल को उत्कृष्ट श्रेणी एव गोम्मटगिरि स्थित उमावि स्कूल को मॉडल श्रेणी में रखा गया है। इसी प्रकार प्रदेश में 41 स्कूलों को मॉडल और उत्कृष्ट श्रेणी के रखे गए हैं। इन स्कूलों में कक्षा 8 को 50 फीसदी अंकों से पास करने वाले विद्यार्थी को परीक्षा के बाद प्रवेश मिलता है। दरअसल परीक्षाएं सत्र के अंतिम पड़ाव मार्च मे आयोजित की जाती हैं, इसलिए विद्यार्थी को कक्षा 7 की मार्कशीट और आधार कार्ड के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होते हैं। इस बार 2 महीने देरी से 15 मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रवेश परीक्षा के लिए 14 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई है। इंदौर के बाल विनय मंदिर में 240 विद्यार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था रहेगी। इसमें से 100-100 छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क रहने खाने और हॉस्टल की व्यवस्था भी शासन की ओर से रहती है। प्रवेश प्रक्रिया में पहली बार इतनी देर क्यों हुई, इस पर भोपाल के अधिकारी भी संतुष्टि पूर्ण जवाब तो नहीं दे पाए। प्रवेश प्रक्रिया इस देरी से नए शैक्षणिक सत्र भी तकरीबन एक महीना विलम्ब से ही शुरू हो पाएगा।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की व्यवस्था
9वीं, 10वीं,11वीं, 12वीं इन चार कक्षाओं की पढ़ाई उत्कृष्ट और मॉडल स्कूलों में कराई जाती है, साथ ही यहां पर पढऩे वाले विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से अध्ययन की सुविधा, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम, इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षा तैयारी के लिए अलग से कक्षाएं आदि सुविधाएं भी मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं।
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