CBSE बोर्ड समेत कुछ अन्य बोर्ड्स ने अपनी 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने बीते दिन इसका ऐलान किया और अब कई राज्यों के स्टेट बोर्ड भी ऐसा ही कदम उठा सकते हैं। अब जब नतीजे बोर्ड द्वारा तय किए गए क्राइटीरिया पर आएंगे, तो सबसे बड़ा सवाल कॉलेज में एडमिशन का है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस बार भी उनकी यूनिवर्सिटी में मेरिट के आधार पर ही एडमिशन किए जाएंगे। यानी एंट्रेंस एग्जाम के ऑप्शन के बारे में नहीं सोचा जाएगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में से एक हैं, जहां देशभर से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के एक्टिंग वाइस चांसलर पीसी जोशी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि भारत सरकार (Indian government) ने कोरोना के कारण जो फैसला लिया है, वे उसका समर्थन करते हैं। हमारे यहां एडमिशन मेरिट के आधार पर ही किए जाएंगे। रिजल्ट के लिए बोर्ड जो भी क्राइटीरिया तय करेंगे, वो उसका सम्मान करेंगे।
डीयू की ओर से कहा गया है कि CBSE अपना रिजल्ट घोषित करने के लिए कोई क्राइटीरिया तो अपनाएगी, क्योंकि रिजल्ट आना तो तय है। ऐसे में उन्हीं नतीजों के आधार पर ही हम मेरिट को तय करेंगे।
एंट्रेंस एग्जाम का ऑप्शन खारिज?
बता दें कि हर साल करीब 12 लाख बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं और उसके अंतर्गत आने वाले अलग-अलग कॉलेज में जाते हैं। इस बार पहले यूनिवर्सिटी की ओर से फॉर्मूला दिया गया था कि पचास फीसदी बच्चों को मेरिट के आधार पर और बाकी बच्चों को एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर एडमिशन दिया जाए, इसके लिए कॉमन टेस्ट को तैयार किया जा रहा था।
लेकिन अब जब कोरोना की तीसरी वेव की आशंका है और स्टूडेंट-पैरेंट्स कुछ घबराएं हुए हैं। ऐसे में एंट्रेंस टेस्ट के ऑप्शन को अभी के लिए टाल दिया गया है और अब मेरिट को ही आधार माना जाएगा। यानी अब सबकी निगाहें CBSE के उस फॉर्मूले पर टिकी हैं, जिससे रिजल्ट घोषित किया जाएगा ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved