1200 मामले तहसीलदार कोर्ट में चल रहे
इंदौर। पुलिस प्रशासन (Police) दारा भेजे गए मामलो पर कारवाई करते हुए इंदौर जिला प्रशासन (District Adminstration) ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत 80 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, वहीं 25 लोगों को अपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने पर गिरफ्तार किया है। अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 3500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
शहर की सीमा में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद स्थानीय प्रशासन का अधिकार क्षेत्र सीमत हो गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (सीआरपीसी) के किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासन ने नो टालरेंस की प्रणाली अपना रखी है। प्रशासन ने इस कैलेंडर वर्ष में अब तक डॉ अंबेडकर नगर (महू), हातोद, देपालपुर और सांवेर तहसील सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 3500 से अधिक ऐसे मामले दर्ज किए हैं। सीआरपीसी के उल्लंघन पर कार्रवाई करके लगभग 2300 का निपटारा कर दिया है। शेष लगभग 1200 पर तहसीलदार की अदालत में मुकदमा चल रहा है।
जघन्य अपराधों के लिए जीरो टालरेन्स
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जीरो टालरेन्स की रणनीति पर काम करना शुरू किया है। इसके तहत 80 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के अलावा जिला प्रशासन ने स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर पिछले नौ महीनों में कुल 49 मामले दर्ज किए हैं, जबकि पिछले साल के 30 मामले लंबित थे। इसमें से आठ मामले, जो शहर के एक ही क्षेत्र के हैं, जिन्हें पुलिस आयुक्त को भेज दिया गया है। शेष 71 प्रकरणों में से प्रशासन ने कुल 25 प्रकरणों में अभियुक्तों को निर्वासित किया, जबकि 20 प्रकरणों को विभिन्न कारणों से निस्तारित कर दिया गया। शेष 26 मामलों में सुनवाई लंबित है।
6 गुना बढ़ गए प्रकरण
पिछले साल अगस्त में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर संभाग में 2019 की तुलना में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (हृस््र्र) के तहत दर्ज मामलों की संख्या में छह गुना वृद्धि देखी गई थी। 2021 में स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने रेमेडिसविर की कालाबाजारी, गरीबों, भू-माफिया और बूटलेगिंग में शामिल लोगों के लिए निवारक पहचान के तहत राशन के गबन में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार किया था। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, स्थानीय पुलिस ने 2019 में इंदौर संभाग के सभी आठ जिलों में एनएसए के तहत 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जबकि 2020 में जांच के तहत दर्ज मामलों की संख्या बढक़र 80 हो गई। 15 अगस्त, 2021 तक एनएसए के तहत 130 मामले सामने आए हैं, जो कि 6 गुना अधिक हैं।
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