कमिश्नर को ज्ञापन देना चाहते थे किसान… पुलिस ने बांड भराए
एक को गिरफ्तार कर जमानत दी, दूसरे से मुचलका भरवाया
इंदौर। किसानों (Former) के प्रदर्शन को लेकर प्रशासनिक तंत्र पूरी नजर बनाए हुए है। किसान नेताओं को थानों (Police Station) पर बुलाकर उनसे न केवल चर्चा की जा रही है, बल्कि मुचलके भी भरवाए जा रहे हैं। प्रशासन ने किसानों पर दबाव डालने के लिए किसान संगठन के एक पदाधिकारी को तो शांति भंग करने के आरोप में धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया, जिसे अपनी जमानत (Bail) करवाना पड़ी। वहीं दूसरे संगठन के अध्यक्ष को मुचलके पर छोड़ा गया। किसानों ने इसे प्रशासन की दमनकारी नीति बताते हुए कहा कि हम कल कमिश्नर कार्यालय (Commissioner’s Office) पर एकत्रित होकर ज्ञापन सौंपेंगे। [relpsot]
संयुक्त किसान मोर्चा और इससे जुड़े संगठन प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 150 से ज्यादा पदाधिकारी और किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा की जा रही है। इंदौर जिले में भी संयुक्त किसान मोर्चा के बबलू यादव को गिरफ्तार कर 24 घंटे में एसडीम कार्यालय से जमानत पर छोड़ा गया। अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री को थाने में मुचलका भरकर देना पड़ा, इसके बाद ही उन्हें घर भेजा गया। प्रदेश में किसान पदाधिकारियों को अलग-अलग जिलों में भेजा जा चुका है। प्रशासनिक तंत्र किसान नेताओं पर नजर बनाए हुए है। प्रदेश में किसान किसी प्रकार का बड़ा आंदोलन खड़ा न करें, इसके लिए उन पर दबाव भी बनाया जा रहा है। 16 फरवरी को इंदौर कमिश्नर कार्यालय पर किसान मोर्चा अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेगा। इंदौर के किसान जहां राष्ट्रीय किसान संगठनों की तर्ज पर उनकी मांगों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं इंदौरी किसान इंदौर मंडी में 186 किसानों का लंबे समय से अटका भुगतान चुकाने की मांग कर रहे हैं। वहीं उनकी एक बड़ी मांग पश्चिमी रिंग रोड को लेकर है, जिसके लिए किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिए जाने की मांग की जा रही है। किसानों द्वारा गेहूं पर 2700 रुपए का समर्थन मूल्य भी मांगा जा रहा है।
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