माहौल नहीं बिगडऩे देंगे शहर का… गलती और गुनाह में फर्क किया जाएगा
जो लोग गलती से गुनाह के शिकार हुए उन्हें पाप धोने का मौका दिया जाएगा
इंदौर। जिला प्रशासन (District Administration) की स्पष्ट मंशा है कि संगठित अपराध करने वाले माफियाओं (Mafia) के खिलाफ जहां कार्रवाई की जाए, वहीं इन्हीं माफियाओं (Mafia) के शिकार बने लोगों को राहत दी जाए। इन शिकार बने लोगों में जहां वो भूखंड पीडि़त हैं, जो वर्षों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं वो लोग भी हैं, जो इन्हीं माफियाओं का शिकार बनकर गलती से गुनाह के सहभागी बन गए। ऐसे लोगों से खरीदी हुई जमीनें सरेंडर कराई जाएंगी, ताकि लोगों को उनके भूखंड मिल सकें। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) का मानना है कि प्रशासन जहां एक ओर वर्षों से पनप रहे माफियाओं का अहंकार समाप्त करना चाहता है, वहीं उन्हें उनके गुनाह का एहसास कराने के साथ ही सख्त कार्रवाई कर एक संदेश स्थापित करने के पक्ष में है कि लोगों के हक को छीनने और कानून मेें से ही रास्ता निकालकर कानून तोडऩे वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
प्रशासन की कार्रवाई के दौरान कई ऐसे लोगों के मन में भय पैदा हुआ, जो इन्हीं माफियाओं (Mafia) का शिकार होकर गलती से सहकारिता की जमीनें खरीद बैठे। इन लोगों को प्रशासन ने मौका देते हुए जमीनें सरेंडर करने का विकल्प दिया, ताकि वे अपने पाप धो सकें। इसी क्रम में अयोध्यापुरी कॉलोनी (Ayodhyapuri Colony) में माफियाओं से जमीन खरीदने वाले कई लोगों ने अपनी जमीनें सरेंडर कराने के शपथ-पत्र प्रशासन को सौंप दिए। प्रशासन ने उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत अपनी जमीनें पुन: संस्था के नाम कराए जाने का विकल्प दिया। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने स्पष्ट किया कि जो लोग अपनी गलती सुधारना चाहते हैं उन्हें मौका दिया जाएगा। इसी के तहत कल रंगून गार्डन (Rangoon Gardens) के भूस्वामी ने भी अपनी जमीन सरेंडर करने का शपथ-पत्र दिया और साथ ही वहां मौजूद अपने तमाम उपकरण हटा लिए। ऐसे लोग यदि अपनी गलती स्वीकारते हुए आम लोगों के अधिकारों के लिए रास्ता छोड़ते हैं तो उन्हें मौका दिया जाएगा।
विधायक-नेता भी कलेक्टर की कार्रवाई से हुए खुश…जनता को हक मिला…
कलेक्टर की सकारात्मक कार्रवाई से विधायक और नेता भी प्रसन्न हैं। भूखंड पीडि़तों के बीच पहुंचे विधायक महेंद्र हार्डिया (Mahendra Hardia) स्वयं कह चुके हैं कि वे बरसों से उनके पास आने वाले भूखंड पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए रास्ता खोज रहे थे और अब उन्हें इस बात का सुकून है कि लोगों को उनका हक मिल सकेगा। इसी तरह भूखंड पीडि़तों ने भी बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री का स्वागत कर इस बात का संकेत दिया कि पहली बार हुई सकारात्मक कार्रवाई से उन्हें उनके घर के सपने की उम्मीदें साकार होती नजर आ रही हैं। पुष्प विहार से लेकर अयोध्यापुरी तक प्रशासन द्वारा बनाई गई समिति में शामिल जनप्रतिनिधियों से लेकर रहवासी संघ के सदस्य इकट्ठा होकर हर दिन सूची बनाने और जायज भूखंड पीडि़तों की खोज में लगे हुए हैं।
जितने प्लॉट नहीं उससे ज्यादा जमीन हो गई संस्थाओं के पास
प्रशासन द्वारा जमीनें सरेंडर कराए जाने का परिणाम यह है कि जितने प्लॉट नहीं हैं उससे ज्यादा जमीनें संस्थाओं के पास इकट्ठी हो गई हैं। अकेले श्रीराम गृह निर्माण में करीब 8 से 9 एकड़ जमीन अब तक सरेंडर हो चुकी है। वरीयता सूची में दर्ज कुल प्लॉटधारकों की संख्या देखी जाए तो उस लिहाज से इस जमीन का क्षेत्रफल उससे कहीं ज्यादा है। इसी तरह की स्थिति अयोध्यापुरी में भी निर्मित हो रही है। ऐसे में सभी रजिस्टर्ड प्लॉटधारकों के साथ 2005 के पूर्व के सभी सदस्यों को भी प्लॉट दिए जा सकते हैं।
कलेक्टर की सख्त चेतावनी… किसी अधिकारी के खिलाफ सताए जाने की शिकायत मिली तो उस पर भी कार्रवाई
कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान किसी भी पुलिस या प्रशासन के अधिकारी या कर्मचारी ने किसी भी व्यक्ति को ब्लैकमेल करने या सताए जाने का प्रयास किया तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मकसद केवल माफियाओं को कानून की भाषा समझाना है और उसके साथ-साथ लोगों को उनका हक मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि हर हालत में लोगों को उनके अधिकार दिलाए जाएं। कार्रवाई के दौरान कई संस्थाओं की शिकायतें मिल रही हैं और उनकी जांच की जा रही है। जो लोग समर्पित भाव से लोगों का हक देने के लिए आगे आएंगे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और यदि किसी अधिकारी द्वारा उन्हें धमकाया गया तो प्रशासन उन्हें भी नहीं छोड़ेगा।
मुख्यमंत्री का फ्री हैंड
कार्रवाई से गदगद मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को फ्री हैंड देते हुए लोगों को हक दिलाए जाने के निर्देश दिए हैं।
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