स्वीप गतिविधि में छात्र भी बनेंगे प्रहरी
रील्स और वीडियो बनाकर युवाओं को करेंगे प्रेरित, ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलेगी मुहिम
इंदौर। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। हर दिन जहां विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं स्कूल-कालेजों में विद्यार्थियों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। नवीन मतदाताओं को आकर्षित करने और मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला प्रसासन आज इंस्टाग्राम और फेसबुक (Instagram and Facebook) का सहारा भी लेगा। रील्स और वीडियो बनाकर युवाओं को जहां प्रेरित किया जाएगा, वहीं यही छात्र ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जागरूकता की मुहिम छेडेंगे।
लोकसभा निर्वाचन से जुड़ी स्वीप गतिविधि को लेकर अब महाविद्यालयों को भी प्रहरी बनाया जा रहा है। कार्ययोजना एवं रणनीत बनाने के साथ-साथ जिले के समस्त महाविद्यालयों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े लोगों को जागरूकता के लिए तैयार किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने लगभग 120 कालेजों के प्राचार्यों की बैठक लेकर उन्हें न केवल जागरूकता फलैाने के लिए अपनी रणनीति बताई, बल्कि कालेजों में ईएलसी (इलेक्ट्रोरल लिट्रेसी क्लब) के गठन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं कि सभी कालेजों में मतादाताओं को जागरूक करने के लिए अवेयरनेस फोरम का गठन किया जाना अनिवार्य है।
अच्छा काम करने वाले होंगे पुरस्कृत
अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक कॉलेज में स्वीप गतिविधि के तहत रंगोली प्रतियोगिता, मेहंदी के साथ-साथ नुक्कड़ नाटक जैसी प्रस्तुतियां दी जानी हैं। कालेज के विद्यार्थियों के माध्यम से गली-मोहल्लों में भी जागरूकता मुहिम भी छेड़ी जाएगी। अच्छा काम करने वालों को जिला प्रशासन न केवल पुरस्कृत, बल्कि उनके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित कर प्रशस्ति पत्र भी दिए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी जाएंगे छात्र
अधिकारियों के अनुसार कालेजों को अपनी-अपनी स्वीप कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वीप कार्य प्रभावी और जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूची भी बनाई जाएगी। अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कालेजों को ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निर्धन बस्तियों में जाकर सही मतदान के तरीके सिखाने और मतदान जरूर करने के लिए प्रेरित करने भेजा जाएगा। कल कलेक्टर कार्यालय में 120 से अधिक महाविद्यालय के प्राचार्य शामिल हुए।
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