कलेक्टर ने उठाया बीड़ा… शहर को करेंगे भिक्षुक मुक्त… स्वयंसेवी संगठनों की लेंगे मदद
इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) ने बेसहारा बुजुर्गों और भिक्षुकों के पुनर्वास का बीड़ा उठाया है। जिस तरह शहर को कचरा मुक्त किया गया, उसी तरह भिक्षुक मुक्त किया जाएगा और एक आधुनिक भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र (modern beggar Rehabilitation center) भी बनवाया जाएगा। इसके लिए स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जाएगी, जिनके साथ कल पहली बैठक भी कलेक्टर ने की। इसमें निगम सहित अन्य विभागों का भी सहयोग रहेगा। केन्द्र सरकार ने भी जिन 10 शहरों को भिक्षुक मुक्ति के लिए चुना है उसमें इंदौर भी शामिल किया गया है।
पिछले दिनों बुजुर्ग भिक्षुकों को शहर से बाहर छोडऩे की घटना का जमकर हल्ला मचा, जिसके चलते निगम के जिम्मेदार कर्मचारियों पर गाज भी गिरी। उसके बाद बेसहारा बुजुर्गों और भिक्षुकों की सुध लेने के लिए स्वयंसेवी संगठनों के साथ शासन-प्रशासन और निगम ने भी पहल की। कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) का कहना है कि शहर में एक अच्छा भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र (beggar Rehabilitation center) नहीं है। अभी जो केन्द्र हैं वे छोटे और पर्याप्त सुविधायुक्त नहीं हैं। लिहाजा एक आधुनिक पुनर्वास केन्द्र निर्मित करवाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम को जमीन उपलब्ध करवाएंगे। वहीं कल कलेक्टर ने भिक्षुक पुनर्वास के तहत बैठक भी ली, जिसमें जनभागीदारी से इंदौर को भिक्षुकमुक्त शहर बनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में नगर निगम आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, स्वयं सेवी एवं सामाजिक संगठनों के सदस्य सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में उपस्थित सदस्यों को बताया कि शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिये भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र संचालित किया जायेगा। इस केन्द्र में भिक्षावृत्ति करने वाले लागों की समुचित व्यवस्था की जायेगी। जिसमें उनके स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन और कपड़ों आदि की व्यवस्था शामिल रहेगी।
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