इंदौर। बारिश के पूर्व बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए बाढ़ प्रबंधन की बैठक कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें 26 बस्तियों की सूची तैयार की गई है, जहां पर हर बारिश के दौरान बाढ़ की स्थिति निर्मित होती है। वहीं 9 रपटे भी चिह्नित किए गए हैं, जिन पर बारिश के दौरान खतरे की स्थिति निर्मित हो जाती है। निचले स्थानों पर ऐसी बस्तियां, जहां हर बारिश के मौसम में जलभराव की स्थिति निर्मित होती है और बाढ़ की नौबत आ जाती है, उनकी सूची तैयार कर ली गई है। प्रशासन ने इन सभी बस्तियों के वाटर चैनल पहले से ही चेक करने के निर्देश निगम को दिए हैं।
वहीं ऐसी बस्तियां, जहां अतिक्रमण के कारण जलभराव की स्थिति निर्मित होती है, उन्हें अतिक्रमणमुक्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कलेक्टर आशीषसिंह ने कल बाढ़ प्रबंधन की बैठक में इंदौर जिले के पिकनिक स्पॉट पर भी विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उनके अनुसार चोरल, पातालपानी, कालाकुंड जैसे क्षेत्रों में बारिश के दौरान अचानक पानी का बहाव तेज हो जाने और बाढ़ आ जाने के कारण लोगों के फंसने और मौत तक की घटनाएं सामने आई हैं। इसे देखते हुए इस बार बैरिकेड्स लगाकर लगाम लगाई जाएगी। वहीं पूर्व में ही बचाव टीमों की तैनाती भी की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार 9 रपटे चिह्नित किए गए हैं, जहां ड्राप गेट लगाए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
देपालपुर और सांवेर, महू में तीन टीमें लगेंगी
ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर शहरी क्षेत्र से बचाव टीमों के पहुंचने में देरी होने के कारण जानमाल की हानि देखी गई है। कलेक्टर ने देपालपुर, सांवेर और महू में एसटीआरएफ और होमगार्ड जवानों की टुकड़ी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। ये टीमें बारिश के सीजन में यहीं तैनात रहेंगी, ताकि समय पर बचाव दल उपलब्ध हो सके।
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