इंदौर (Indore)। देर से जागे प्रशासन ने अब पीओपी से मूर्तियों का निर्माण कर रहे निर्माणकर्ताओं पर सख्ती करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। कई निर्माणकर्ताओं ने प्रतिबंधित होने के बावजूद भी प्लास्टर आफ पेरिस के साथ-साथ रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करते हुए मूर्तियां बनी ली हैं, लेकिन अब वे उनका विक्रय बाजार में नहीं कर सकेंगे। प्रशासन मूर्तियों को अब जब्त करने की कार्रवाई करेगा।
प्राकृतिक रंगों से मूर्तियां बनाएं
प्रशासन ने धारा 144 के अंतर्गत निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्राकृतिक सामग्रियों के साथ-साथ ग्रंथों में उल्लेखित सामग्री से ही मूर्तियों का निर्माण कराया जाए, वहीं मूर्तियों की सजावट में प्राकृतिक रंगों के ही इस्तेमाल की स्वीकृति दी गई है। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णत प्रतिबंधित किया गया है।
विसर्जन के पूर्व सामग्री निकालेंगे
विसर्जन के बाद मूर्ति और प्रतिमाओं के निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले बांस, रस्सी, ठोस अपशिष्ट, प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर 24 घंटे के अंदर उनका निपटान करने के निर्देश जारी किए गए हैं। विसर्जन के दौरान पूजन सामग्री फल, फूल, नारियल, व, आभूषण, सजावट के सामान, कागज व प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं पहले ही निकाल ली जाएंगी और इन्हें एकत्रित कर अलग से निपटान किया जाएगा।
यहां बनकर तैयार हैैं मूर्तियां
प्रशासन ने 9 अगस्त से लेकर 9 नवम्बर तक के लिए उक्त आदेश जारी तो किया है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण निर्माणकर्ताओं ने भारी तादाद में मूर्तियां बनाकर तैयार कर ली हंै। रिव्हरसाइड रोड, संजय सेतु, कल्याण मिल मेनरोड, जूनी इंदौर, लालगली, परदेशीपुरा, भागीरथपुरा पुल के पास का क्षेत्र के साथ-साथ श्रीकृष्ण टाकीज के पास स्थित गली में निर्माणकर्ताओं ने मूर्तियों का निर्माण शुरू कर दिया है।
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