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Corona Patient मिलते ही प्रशासन Tention में… महाकाल Danger Zone

July 31, 2021

  • कंटेन्मेंट झोन बनाने से लेकर घर-घर सैम्पल लेने की तैयारी-महाकाल में बाहर से आने वाले यात्रियों पर रोक लगे

उज्जैन। दूसरी लहर का डर शासन-प्रशासन को इस कदर है कि 24 घंटे पहले उज्जैन में 3 कोरोना पॉजीटिव सैम्पलों की जांच में पाए गए, उसी से प्रशासन टेंशन में आ गया। इंदौर, उज्जैन में मामले मिलने के बाद मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद प्रशासन भी हड़बड़ाया और ताबड़तोड़ कोरोना मरीज मिले थे उनके घरों तक टीमें भेज दी गई। महाकाल में व्यवस्था बदली है लेकिन यहाँ अभी भी बड़ी संख्या में बाहर से लोग आ रहे हैं और इससे उज्जैन में कोरोना फैल सकता है। हजारों लोग बिना मास्क के महाकाल क्षेत्र में घूम रहे हैं।
अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचाया और बड़ी संख्या में मरीजों की मौतें भी हुई। उज्जैन में ही उस दौरान औसतन 200 से 410 मरीज हर 24 घंटे में मिल रहे थे जो अब घटकर जीरो पर आ गए हैं। बीते कई दिनों से यही ट्रेंड चलता रहा, मगर परसों 3 मरीज हो गए, जिसके चलते कलेक्टर आशीष सिंह से लेकर पूरा स्वास्थ्य विभाग का अमला हरकत में आ गया। जो 3 मरीज मिले उनकी ढुंढाई शुरू हुई तो पता चला कि सिर्फ एक को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत रही, लेकिन कुछ अधिकारियों ने तो माइक्रो कन्टेन्मेंट झोन बनाने की तैयारी से लेकर बैरिकेटिंग भी कर डाली। हालांकि प्रशासन ने तीखी प्रतिक्रिया भी जाहिर की और कहा कि डराने की जरूरत नहीं है। थोड़े मरीज तो अनलॉक के बाद बढ़ेंगे ही। बजाय इसके मुख्यमंत्री जल्द से जल्द शत-प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन करवाएं। सभी बड़े निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने से लेकर इंजेक्शनों का भंडारण कर लिया है और जो मरीज अभी मिल रहे हैं उनकी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करवाने के साथ-साथ आसपास के सभी घरों की सैम्पलिंग भी करवाई जा रही है। दरअसल, केरल में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज मिल रहे हैं और इंदौर में भी अनलॉक के बाद लोगों की लापरवाही बढ़ गई। अब कई लोग बिना मास्क के नजर आने लगे, लिहाजा उन पर भी अब सख्ती शुरू की जाएगी।

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उपराष्ट्रपति ने न्यायपालिका को मातृभाषा बोलने वालों के लिए सुलभ बनाने का आह्वान किया

Sat Jul 31 , 2021
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति (Vice President) एम. वेंकैया नायडू (Venkaiya Naidu) ने न्यायपालिका (Judiciary) को मातृभाषा बोलने वालों (Mother tongue speakers) के लिए सुलभ (Accessible) बनाने की आवश्यकता (Requirement) को लेकर आह्वान किया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की हालिया पहल के साथ, एक महिला को अदालत में तेलुगु में बोलने की अनुमति […]
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