उज्जैन। 15 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया 1 जनवरी से शुरु हो गई थी। जिले में लगभग 1 लाख 32 हजार इस आयु वर्ग के किशोरों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। स्कूलों में इसके लिए अलग से सेंटर बनाए गए थे। इसके बावजूद कई बच्चे अभी भी वैक्सीन का पहला डोज नहीं ले पाए हैं। इस पर जिला प्रशासन ने नाराजगी जताई है और टारगेट पूरा करने के लिए परसों से फिर अभियान चलेगा। उल्लेखनीय है कि 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों के टीकाकरण की शुरुआत जिले में इस महीने की शुरुआत में हो गई थी। इस आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण जल्द से जल्द हो जाए, इसके लिए उन्हें कोवैक्सीन के डोज लगाए जा रहे हैं। इसके पीछे वजह यह है कि कोवैक्सीन के दूसरे डोज की अवधि 28 दिन बाद आ जाती है। जिन बच्चों ने अभियान की शुरुआत में 3 जनवरी तक वैक्सीन लगवा ली थी उन्हें आज 28 दिन पूरे हो गए हैं।
इसे देखते हुए परसों बुधवार से फिर पूरे जिले में बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस आयु वर्ग के बच्चों को टीके लगाने के लिए जिले के 300 से सरकारी और निजी स्कूलों में सेंटर बनाए गए हैं। शुरुआत में बच्चों ने टीकाकरण में उत्साह दिखाया था। इसके बावजूद अभी तक बच्चों का टीकाकरण शत-प्रतिशत तक नहीं पहुँच पाया है। मिली जानकारी के मुताबिक 1 लाख 32 हजार बच्चों में से अभी भी लगभग 33 फीसदी बच्चे वैक्सीन का पहला डोज नहीं ले पाए हैं। इसकी समीक्षा बैठक में एक दिन पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने नाराजगी भी जताई थी। उन्होंने शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह अभियान जल्द पूरा करने के लिए क हा है।
उज्जैन। निजी स्कूल में अभी भी कई छात्रों को वैक्सीन नहीं लगी है। ऐसे छात्रों की ऑनलाईन पढ़ाई बंद कर दी जाए। कलेक्टर आशीषसिंह ने 15 से 18 वर्ष के छात्र-छात्राओं को वैक्सीन लगाने के लिए निजी स्कूल संचालकों की बैठक ली और उन्हें बताया गया कि कुछ बच्चों के माता-पिता वैक्सीन लगाने के लिए मना कर रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा कि पहले चर्चा की जाए और फिर भी नहीं लगवाते हैं तो उनकी ऑनलाईन पढ़ाई बंद हो। किसी भी हालत में शत-प्रतिशत छात्रों को वैक्सीन लगनी चाहिए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved