जबलपुर: आज प्रशासन की सतर्कता से जबलपुर (Jabalpur) में एक बच्ची की शादी होने से बच गयी. बच्ची 15 साल की है. अक्षय तृतीया के मौके पर माता पिता उसकी शादी कर रहे थे. मंडप-हल्दी की सारी रस्में पूरी हो चुकी थीं. शाम को बारात आना थी. लेकिन उससे पहले ही प्रशासन की टीम पहुंच गयी और बाल विवाह (child marriage) रुकवा दिया. परिवार वालों को समझाया कि बेटी को सयानी हो जाने दें. लाडली जब कम से कम 18 बरस की हो जाए तब उसका ब्याह करें.
बता दे की मामला जबलपुर के शहपुरा (Shahpura) इलाके का है. यहां 15 साल की बेटी का बाल विवाह होने जा रहा था. लेकिन ऐन वक्त पर महिला एवं बाल विकास की टीम (women and child development team) ने पहुंचकर न केवल शादी रुकवायी बल्कि परिवार को जागरूक किया कि वह बेटी की शादी तब तक ना करें जब तक वह बालिग ना हो जाए. एसडीएम शहपुरा (SDM Shahpura) को जानकारी मिली कि शहपुरा तहसील (Shahpura Tehsil) के अंतर्गत बसे कुलोंन गांव में 15 वर्ष की नाबालिग लड़की की शादी पास के गांव पावला में रहने वाले लड़के से होने जा रही है.
जैसे ही इसकी शिकायत महिला एवं बाल विकास अधिकारी कांता देशमुख को मिली तत्काल आनन फानन में महिला बाल विकास विभाग की टीम पुलिस के साथ उस बच्ची के गांव कुलोंन रवाना हो गयी. वहां तो शादी का मंडप और घर सजा हुआ था. पकवान बन चुके थे. घर में मेहमान थे. बिटिया को हल्दी चढ़ चुकी थी और हाथ में मेंहदी लगी थी. बारात के स्वागत की तैयारी थी.
लेकिन बारात से पहले प्रशासन की टीम वहां पहुंच गयी. अधिकारियों की टीम को देखकर गांव में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में शादी के तमाम कामकाज रोक दिए गए. अधिकारियों ने नाबालिग के उम्र से संबंधित दस्तावेजों की जांच की तो बच्ची 15 साल की निकली. इसलिए उसके बाद शादी को रोक दिया. अधिकारियों ने बच्ची के माता-पिता और नाते-रिश्तेदारों को समझाया कि जब तक बच्ची 18 साल की नहीं हो जाती तब तक उसका विवाह नहीं हो सकता है. यह कानूनन अपराध भी है और मासूम बच्ची के जीवन से खिलवाड़ भी है. अधिकारियों के समझाने के बाद परिवार वाले शादी रोकने के लिए राजी हो गए.
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