उज्जैन। प्रशासन ने अक्षय तृतीया पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह रोकने का बीड़ा उठा लिया है। उस दिन सुबह से लेकर रात तक विवाह मंडप पर अधिकारियों की टीम नजर रखेगी। 3 मई को अक्षय तृतीया पर कई समाजों द्वारा सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों जोड़े विवाह बंधन में बनेंगे। महिला बाल विकास विभाग अधिकारी ने बताया कि समारोह में बाल विवाह की रोकथाम के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। अधिकारियों की टीम शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र घटिया, महिदपुर, बडऩगर, तराना, कायथा सहित आसपास के सभी ग्रामों में होन वाले विवाह समारोह पर नजर तो रखेगी ही, वहीं नागरिकों से भी अपील की गई है कि बाल विवाह नहीं करें। बाल विवाह करते एवं कराते पाए जाने पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोग भी दे सकते हैं बाल विवाह की जानकारी
18 वर्ष से पहले लड़की एवं 21 वर्ष से पहले लड़के की शादी नहीं करना चाहिए। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो यह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह होने की सूचना रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोग दे सकते हैं, जिनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। इसके लिए महिला हेल्पलाइन नंबर 181, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 एवं पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 डायल कर अथवा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के वॉट्सऐप पर दी जा सकती है।
पंडित, मौलवी, मैरिज गार्डन और बैंडबाजा वाले भी होंगे जिम्मेदार
वैवाहिक आयोजन कराने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यवसायी, बैंडबाजा, केटरर्स, पुरोहित, मौलवी इत्यादि से कहा गया है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व सुनिश्चित कर लें कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। बाल विवाह में किसी भी तरह सहयोग करने वाले व्यक्ति भी दंड के भागी होंगे।
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