प्रदेश के मुख्य न्यायाधीपति ने निचली अदालतों के लिए भी जारी की एसओपी…
इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने अभी कोरोना रोकथाम (Corona Prevention) के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, उसका पालन करवाने के लिए भी अब एक और याचिका दायर करते हुए रोजाना मॉनिटरिंग ( Monitoring) की अपील की गई है। वहीं दूसरी तरफ मुख्य न्यायाधीपति ने लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और जजों-अभिभाषकों के चपेट में आने के चलते जिला और निचली अदालतों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग (Standard Operating) प्रोसीजर यानी एसओपी (SOP) जारी की है, जिसमें जिले के न्यायाधीश कोरोना की स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे और हर जिले में एडीजे स्तर के न्यायाधीश को कोविड कम्पलाइंस ऑफिसर नियुक्त (Officer Appointed) किया जाएगा।
अभी इंदौर सहित प्रदेशभर में भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है और एक-एक बेड (Beds), ऑक्सीजन (Oxygen) -इंजेक्शन के लिए परिजन भटक रहे हैं। शासन-प्रशासन के स्तर पर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट बैंच ने भी कई दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें 36 घंटे में कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देने से लेकर भर्ती करने के बाद मरीजों को एक घंटे में आवश्यक दवाइयां, इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इन निर्देशों का पालन सख्ती से करवाने और रोज मॉनिटरिंग की मांग को लेकर एक याचिका कल भी दायर की गई है। शांति मंच समिति की ओर से दायर इस याचिका में इंदौर सहित प्रदेश के लगातार बिगड़ते हालातों के मद्देनजर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) से आग्रह किया गया है कि प्रिंसिपल बैंच ने 19 अप्रैल को जो आदेश पारित किया था उसका सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। लिहाजा हाईकोर्ट रोजाना सुनवाई करते हुए समीक्षा करे और शासन-प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट भी ले। इसमें मुख्य रूप से ऑक्सीजन, इंजेक्शन अस्पतालों में बेड उपलब्ध ना होने के साथ-साथ आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट में हो रही देरी सहित अन्य मुद्दे उठाए गए। वहीं मुख्य न्यायाधीपति ने भी एसओपी जारी की है, जिसमें 50 फीसदी स्टाफ के साथ रोटेशन प्रणाली से काम करने, जितनी कोशिश हो वर्चुअल तरीके से ही सुनवाई करने और जिला अदालत में अनावश्यक रूप से भीड़ एकत्रित ना करने सहित कई दिशा-निर्देश दिए हैं।
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