• img-fluid

    विकास की मुख्यधारा में आना आदिवासियों का अधिकार

    September 20, 2020

    • मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा मैंने बचपन से उनके संघर्ष और पीड़ा को देखा

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्होंने बचपन से ही आदिवासी भाई-बहनों की पीड़ा और संघर्ष को देखा है। उनकी स्थिति में सुधार के लिये मन में बचपन से ही तड़प रही है। हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि प्रदेश के आदिवासी भाई-बहनों का कभी कोई नुकसान न हो। उनके मान-सम्मान से कोई समझौता न हो। जीवन जीने के सभी संसाधन और विकास के अवसर बराबरी से पाना आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार है।राज्य शासन उन्हें यह अधिकार देने के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी भाई-बहनों के कल्याण और विकास के लिये राज्य सरकार निरंतर सक्रिय है। सम्पूर्ण प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। हमारी कोशिश है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के हर बालक-बालिका को पढ़ाई के सभी मौके मिलें। प्रदेश में आश्रम, शालाएँ, छात्रावास, एकलव्य विद्यालय, बड़ी संख्या में स्थापित किये गए हैं। आदिम जाति कल्याण का बजट 2003-04 में केवल 635 करोड़ था, जो अब बढ़कर 7,384 करोड़ रूपये हो गया है। पिछले 15 साल में ट्रायबल हाई स्कूलों की संख्या में 112प्रतिशत,उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 81 प्रतिशत, खेल परिसर में 85 प्रतिशत और प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। राज्य शासन शिक्षा के लिये हरसंभव व्यवस्था कर रहा है। छात्रवृत्ति की प्रक्रिया को सरल किया गया है। छात्रावासों में व्यवस्थाएँ बेहतर व पारदर्शी हों,इसके लिये छात्रावास प्रबंधन में बच्चे एवं पालकों को भागीदार बनाते हुए सतर्कता बढ़ायी गयी।

    112 प्रतिशतबढ़ी ट्रायबल स्कूलों की संख्या
    मुख्यमंत्री ने गुना के भूरसिंह से कहा कि आपसे बातचीत करना जरूरी है। इससे मैं आपकी दु:ख-तकलीफ जान सकता हूँ। यह भी पता चलता है कि सरकार जो आप सबके लिए सोच और कर रही है वह बिना घपले, घोटाले के आपके पास पहुंच रहा है या नहीं। चौहान ने भूरसिंह से बच्चों की पढ़ाई, आवास, गैस-चूल्हा, सिंचाई व्यवस्था की जानकारी भी ली।

    Share:

    मनुष्य रचित शब्द संसार की महत्ता

    Sun Sep 20 , 2020
    – हृदयनारायण दीक्षित विश्व की सभी सभ्यताओं में पुस्तकों का आदर किया जाता है। पुस्तकों में वर्णित जानकारिया लेखक के कौशल से सार्वजनिक होती हैं। शब्द स्वयं में सार्वजनिक सम्पदा है। शब्द सबके हैं लेकिन शब्दों के अर्थ अपने-अपने हैं। शब्द का प्रयोग करने वाले की क्षमता उन्हें अर्थ देती है। पुस्तकों में लेखक का […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved