नई दिल्ली। पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर भारत का आदित्य अपने लिए निधारित लग्रांजियन-1 (एल1) बिंदु के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश के निकट पहुंच गया है। इस ऑर्बिट में रहते हुए यह एल-1 बिंदु की परिक्रमा करेगा। सूर्य के अध्ययन के लिए भारत के पहले मिशन का यह आखिरी चरण बेहद अहम, संवेदनशील और जटिल होगा। इसकी सफलता के लिए दिशा निर्धारण, गति नियंत्रण और सही समय पर उपकरणों का ठीक काम करना बेहद जरूरी होगा।
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने दो दिन पहले ही बताया था कि मिशन छह जनवरी को एल-1 के हेलो ऑर्बिट में पहुंचेगा। दो सितंबर को प्रक्षेपित आदित्य ने अब तक चार बार अपने मार्ग में जरूरी बदलाव किए हैं। इससे एल-1 पर स्थापित करने की प्रक्रिया बेहद सावधानी से तय की गई है।
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