नई दिल्ली (New Delhi) । भारत (India) का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L-1) सफलतापूर्वक ऊंचाई हासिल कर रहा है। रविवार को आदित्य एल-1 की कक्षा में तीसरी बार बदलाव किया गया। इसरो ने बताया कि बेंगलुरु स्थित ISTRAC ने तीसरी बार सफलतापूर्वक आदित्य एल-1 की कक्षा को बढ़ा दिया है। अब आदित्य एल-1 की कक्षा 296X71767 किलोमीटर की हो गई है। बता दें कि 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताने के बाद यह एल-1 पॉइंट की ओर छलांग लगाएगा।
कब-कब हुआ कक्षा में परिवर्तन
इससे पहले दो बार आदित्य एल-1 की कक्षा में परिवर्तन किया जा चुका है। दो सितंबर को इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इसके बाद तीन सितंबर को पहली बार इसकी कक्षा में परिवर्तन किया गया। 5 सितंबर को दूसरी बार थ्रस्टर को फायर करके इसकी कक्षा बदल दी गई। अब तक तीन बार यह प्रक्रिया हो चुकी है। दो बार और आदित्य एल-1 की कक्षा में बदलाव किया जाएगा। इसके बाद यह लंबे सफर पर निकलेगा। अब 15 सितंबर को एक बार फिर यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी।
Aditya-L1 Mission:
The third Earth-bound maneuvre (EBN#3) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 296 km x 71767 km.… pic.twitter.com/r9a8xwQ4My
— ISRO (@isro) September 9, 2023
एल-1 पॉइंट तक पहुंचने में लगेंगे चार महीने
आदित्य एल-1 को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में चार महीने का वक्त लगेगा। एल-1 पॉइंट से यह सूर्य का अध्ययन करेगा। यह ऐसा पॉइंट है जहां पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है। ऐसे में यहां से अध्ययन करने में ऊर्जा कम लगती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच ऐसे पांच पॉइंट है। फिलहाल इस बार लैंग्रेंजियन बिंदु एल-1 की ओर आदित्य मिशन को रवाना किया गया है। यह पॉइंट पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।
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