भोपाल। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के हत्यारोपी पति गोविंद सिह की गिरफ्तारी को लेकर पिछले तीन दिन से दमोह में डेरा डाले एसटीएफ एडीजी विपिन माहेश्वरी खाली हाथ भोपाल लौट आए है। एसटीएफ अभी तक हत्यारोपी का कोई भी सुराग नहीं लगा पाई है। दमोह समेत उप्र, राजस्थान में कुछ स्थानों पर दबिश दी गई, लेकिन अभी एसटीएफ खाली हाथ है। इधर दमोह पुलिस की ओर से हटा न्यायालय द्वारा विधायक पति को हत्यारोपी बनाए जाने के मामले को खारिज करने के लिए लगाई गई याचिका को दमोह न्यायालय ने खारिज कर दी है। सीजेएम कोर्ट ने हटा न्यायालय के फैसले को न्यायाचित माना है।
हटा पुलिस ने हटा निवासी देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपित गोविंद सिंह की मोबाइल लोकेशन घटना स्थल पर न पाए जाने और विधायक की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी के बयानों को आधार पर बनाकर आरोपित गोविंद सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के लिए सीजेएम कोर्ट में आवेदन किया गया था। दमोह सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पीडि़त ने बताया कि शातिर अपराधी यदि घटना करने के पूर्व अपना मोबाइल कहीं और छोड़ देता है तो इससे उसकी टावर लोकेशन के आधार पर उसे बचाया नहीं जा सकता। इसके अलावा यह भी तर्क दिया गया कि मृतक देवेंद्र चौरसिया के भाई महेश चौरिसया और घटना में घायल हुए मृतक के बेटे सोमेश चौरिसया ने भी आरोपित के खिलाफ न्यायालय में अपने बयान दर्ज कराए हैं। न्यायाधीश ने इन सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आरोपित गोविंद सिंह के पक्ष में पुलिस द्वारा प्रकरण खारिज करने के लिए लगाए गए आवेदन को निरस्त कर दिया और प्रकरण को वापस हटा न्यायालय में प्रेषित कर दिया है। न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि हटा न्यायालय द्वारा आरोपित गोविंद सिंह के खिलाफ दर्ज अपराध में वारंट जारी करने की कार्रवाई न्यायोचित है, इसलिए पुलिस द्वारा मामले को खारिज करने के लिए लगाया गया आवेदन निरस्त किया जाता है।
दमोह पुलिस ने विधायक पति को बचाने लगाई थी याचिका
कांग्रेस नेता देवेन्द चौरसिया हत्याकांड के बाद दमोह की हटा थाना पुलिस ने शुरू में दर्ज एफआईआर में विधायक पति गोविंद सिंह को मुख्य आरोपी बनाया था। गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। बाद में कमलनाथ सरकार के समय फिर से कराई गई जांच में पुलिस ने विधायक पति का नाम एफआईआर से बाहर कर दिया। इसके बाद पीडि़त पक्ष कोर्ट में गया। हटा कोर्ट ने फिर से गोविंद सिंह को हत्यारोपी बनाने का आदेश दिया। हटा कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दमोह पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में गोविंद सिंह खिलाफ केस को खारिज करने की अपील की। जिसमें यह तर्क दिया था कि घटना के समय विधायक पति के मोबाइल की लोकेशन दूसरी जगह की थी। कोर्ट ने दमोह पुलिस के इस तर्क को नहीं माना और हटा कोर्ट के फैसले को सही माना।
गिरफ्तारी से बचने की आखिरी कोशिशें जारी
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस मुख्यालय ने विधायक पति की गिरफ्तारी को लेकर असफल प्रयास किए जा रहे हैं। इधर विधायक रामबाई अपने पति को बचाने के लिए आखिरी कोशिशें कर ही हैं। खबर हैं कि एसटीएफ अगले कुछ दिनों के भीतर एसटीएफ विधायक पति को गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि एसटीएफ अफसरों का कहना है कि अभी हत्यारोपी गोविंद सिंह की तलाश में छापामार कार्रवाई जारी है।
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