नई दिल्ली: एशियाई विकास बैंक (ADB) ने बीते साल यानी 2021 में भारत को रिकॉर्ड 4.6 अरब डॉलर का कर्ज (Loan) दिया है. इनमें से 1.8 अरब डॉलर का कर्ज कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए दिया गया है.
बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी ने एक बयान में कहा कि एडीबी ने 2021 में भारत को 17 ऋणों में रिकॉर्ड 4.6 अरब डॉलर का कर्ज दिया है. इनमें से 1.8 अरब डॉलर महामारी से निपटने के उपायों के लिए दिए गए हैं. कोविड-19 संबंधी सहायता में 1.5 अरब डॉलर टीके (Vaccine) की खरीद के लिए और 30 करोड़ डॉलर शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने और देश की भविष्य की महामारी संबंधी तैयारियों के लिए दिए गए.
एडीबी नियमित वित्तपोषण कार्यक्रम के तहत भारत को परिवहन, शहरी विकास, वित्त, कृषि और कौशल विकास के लिए कर्ज देता है. एडीबी के भारत में निदेशक ताकियो कोनिशि ने कहा है कि एडीबी भारत सरकार को कोविड-19 से लड़ाई के लिए लगातार समर्थन दे रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा वे भारत को दूसरी विकास प्राथमिकताओं मसलन शहरीकरण के प्रबंधन, रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, संपर्क में सुधार और कौशल को बेहतर करने के लिए नियमित कर्ज उपलब्ध कराते हैं.
भारत के लिए घटाया था ग्रोथ अनुमान
आपको बता दें कि एशियाई विकास बैंक यानी एडीबी ने दिसंबर में 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया था. बैंक ने तीन महीने में लगातार दूसरी बार अनुमानों में कटौती की थी. बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं की वजह से ग्रोथ के अनुमान में कटौती की गयी है. इससे पहले एडीबी ने सितंबर महीने में अपनी रिपोर्ट में 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
एडीबी ने रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की आर्थिक वृद्धि दर अब वित्त वर्ष 2021-22 में 9.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूर्व में जताये गये अनुमान से 0.3 प्रतिशत कम है. इसका कारण आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी बाधाएं हैं, जो उद्योग को प्रभावित कर रही हैं. घरेलू मांग के सामान्य स्तर पर आने की उम्मीद के साथ वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 7.5 प्रतिशत पर बरकरार है.
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