वॉशिंगटन. अमेरिका (America) की सत्ता में बाइडन सरकार (Biden government) के अब कुछ ही दिन बचे हैं और जल्द ही इसकी विदाई हो जाएगी। व्हाइट हाउस (White House) में जब एक प्रशासनिक अधिकारी से भारत-अमेरिका (India-US) के संबंधों में हाल के दिनों में आई चुनौती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम इससे निपट लेंगे और चुनौतियों से उबर जाएंगे।
पन्नू और अदाणी मामले से उठे सवाल
गौरतलब है कि एक भारतीय अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप है। वहीं अमेरिका के न्याय विभाग ने भारतीय अरबपति गौतम अदाणी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं और अभियोग शुरू किया गया है। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान दोनों देशों के रिश्तों में काफी गर्मजोशी देखी गई थी और अमेरिका ने भारत को अहम रणनीतिक सहयोगी करार दिया था। अब उक्त दोनों मामलों की वजह से भारत-अमेरिका के रिश्तों में थोड़ा तनाव आया है।
बाइडन सरकार के अधिकारी ने दोनों देशों के रिश्तों पर कहा कि भारत-अमेरिका का रिश्ता काफी सघन, जटिल और विविधतापूर्ण है। दोनों पक्षों के सामने चुनौती है और अहम ये है कि हम इस चुनौती से कैसे निपटते हैं। दोनों पक्षों में इसे लेकर बातचीत हुई है और मुझे विश्वास है कि हम इसे सही तरीके से निपटने में सक्षम होंगे। एक अन्य अधिकारी ने अभियोगों को कानूनी मामला बताया और कहा कि ‘इन पर जांच एजेंसियां ही सही जवाब दे सकती हैं। हमारे लिए व्हाइट हाउस या विदेश विभाग की ओर से टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। लेकिन हम इस बात पर कायम हैं कि भारत-अमेरिका के संबंध बहुत मजबूत स्थिति में है।’
‘ट्रंप सरकार में भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत रहने की उम्मीद’
बाइडन सरकार ने कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों को ‘बहुत मजबूत स्थिति में’ छोड़ रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भी दोनों देशों के रिश्ते मजबूत रहेंगे। अमेरिका के उप-विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि ‘हम अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर बहुत महत्वाकांक्षी हैं। डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन के साथ पिछले कई महीनों के दौरान हमारे बीच बहुत उच्च-स्तरीय जुड़ाव रहा है।’ कैंपबेल, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर और अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के साथ मंगलवार को ह्यूस्टन में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने पहुंचे थे, जो अगले साल नासा के साथ साझेदारी में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक संयुक्त मिशन के लिए नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
भारत-अमेरिकी संबंध दुनिया के लिए ‘स्थिरता का लंगर’
फाइनर ने कहा कि अमेरिका-भारत साझेदारी न केवल इंडो-पैसिफिक में बल्कि दुनिया के लिए ‘स्थिरता का लंगर’ है। दक्षिण-पूर्व एशिया से लेकर अफ्रीका तक, दोनों देश समृद्धि के निर्माण, विकास को आगे बढ़ाने और सुरक्षा में योगदान देने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। फाइनर ने कहा, ‘पिछले दो दशकों में, वाशिंगटन और नई दिल्ली में अलग-अलग प्रशासनों ने हमारे सहयोग को मजबूत करने में मदद की है। हालांकि कोई भी रिश्ता चुनौतियों से रहित नहीं होता, लेकिन हमारा मानना है कि हम इस साझेदारी को बहुत मजबूत स्थिति में छोड़ रहे हैं क्योंकि हम आने वाली टीम को कमान सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।’
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