नई दिल्ली । अडानी मीडिया नेटवर्क्स (Adani Media Networks) की एनडीटीवी में (In NDTV) कुल हिस्सेदारी (Total Stake) 37% हो गई है (Rises to 37%) । अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने एनडीटीवी के ओपन ऑफर में 8% अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल कर ली है । बता दें कि शुरू में अडानी मीडिया नेटवर्क्स ने एनडीटीवी में 29% का अधिग्रहण किया था। इसके बाद में भारत के अधिग्रहण नियमों के अनुरूप अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश की।
एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की हिस्सेदारी अब 37% है, जो मीडिया कंपनी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास मौजूद 32% से अधिक है। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न के संस्थापक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, “अडानी और रॉय दोनों को एनडीटीवी के प्रमोटर के रूप में लिस्ट किया जाएगा।” इसके साथ ही अब अधिक हिस्सेदारी के साथ अडानी को एनडीटीवी के बोर्ड से मौजूदा निदेशकों को हटाने या मीडिया कंपनी में नए निदेशकों की नियुक्ति का प्रस्ताव देने का अधिकार भी मिल गया है।
ये प्रस्ताव सामान्य प्रस्तावों के अंतर्गत आते हैं और इसके लिए अधिकांश शेयरधारकों के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। वर्तमान में प्रणय रॉय और उनकी पत्नी दोनों एनडीटीवी के कार्यकारी सह-अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 1988 में की थी। हालाँकि, वे अपनी शेयरहोल्डिंग के आधार पर बोर्ड में बने रह सकते हैं। हालांकि स्वतंत्र निदेशकों को हटाने के साथ-साथ कुछ विशेष व्यावसायिक लेनदेन जैसे कि कंपनी के एसोसिएशन के लेखों में बदलाव, शेयर पुनर्खरीद योजना आदि के लिए 75% शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। रॉय दंपति अपने मौजूदा शेयरहोल्डिंग के साथ इन विशेष प्रस्तावों के खिलाफ मतदान कर सकते हैं। बता दें कि अडानी समूह ने एनडीटीवी के बोर्ड में तीन डायरेक्टर भी नियुक्त कर दिए हैं।
श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, “कोई भी शेयरधारक जिसके पास एक शेयर भी है, वह निदेशकों की नियुक्ति या हटाने के लिए प्रस्ताव दे सकता है। लेकिन इस प्रस्ताव को 51% मत (शेयरधारकों की) मिलना चाहिए। इसलिए अब 37% शेयर के साथ अडानी को निदेशकों को नियुक्त करने और हटाने में आसानी होगी।” इस साल अगस्त में अडानी ग्रुप ने विश्वप्रधान कमर्शियल (VCPL) के माध्यम से एनडीटीवी में 29% हिस्सेदारी हासिल की थी।
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