नई दिल्ली: अडाणी ग्रुप (Adani Group) इस फाइनेंशियल ईयर की तरह 2024-25 में भी तुफानी पारी खेलने के लिए तैयारी शुरू कर चुका है. कंपनी ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में बंदरगाह, ऊर्जा, हवाई अड्डा, जिंस, सीमेंट और मीडिया क्षेत्र (port, energy, airport, commodity, cement and media sectors) तक फैले अपने कारोबार में 1.2 लाख करोड़ रुपए (लगभग 14 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 7-10 वर्षों में कारोबार बढ़ाने के लिए पहले से तय किए गए निवेश रकम को 100 अरब डॉलर से बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित पूंजीगत खर्च इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक है. विश्लेषकों के अनुसार, 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 में पूंजीगत खर्च लगभग 10 अरब डॉलर का होने का अनुमान है. सूत्रों ने कहा कि ये निवेश तेजी से मुनाफे में वृद्धि की बुनियाद तैयार करेंगे. समूह ने पहले कहा था कि अगले 7-10 वर्षों में 100 अरब डॉलर का कैपिटल एक्सपेंडिचर किया जा सकता है. इस निवेश का अधिकांश भाग समूह के तेजी से बढ़ते व्यवसायों नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और हवाई अड्डों में किया जाना है. कैपिटल एक्सपेंडिचर का ज्यादातर हिस्सा हरित ऊर्जा के लिए होगा. इसके अलावा हवाई अड्डों और बंदरगाह व्यवसायों पर खर्च किया जाएगा.
उद्योगपति गौतम अडानी जल्द ही टाटा ग्रुप को टक्कर दे सकते हैं और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में दस्तक दे सकते हैं. ये बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि हाल ही में चिप बनाने वाली कंपनी क्वॉलकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो आर. एमोन से उन्होंने मुलाकात की थी. दोनों के बीच हुई लंबी चर्चा के दौरान सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत की क्षमता और एआई में उसकी भूमिका को लेकर बातचीत हुई है.
बता दें कि क्वालकॉम दुनिया की उन टॉप कंपनियों में शामिल है जो मोबाइल फोन के लिए चिप डिजाइन और मेकिंग करती है. इसके अलावा कंपनी वायरलेस टेलीकॉम प्रोडक्ट्स के डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग में भी आगे है. जबकि अडानी ग्रुप ने 2022 में बंदरगाहों, लॉजिस्टिक और बिजली उत्पादन में निजी उपयोग वाले नेटवर्क के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की एक छोटी मात्रा खरीदी थी. अडानी समूह कई स्थानों पर डेटा सेंटर भी बना रहा है.
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