नई दिल्ली (New Delhi) । हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद पोर्ट से लेकर सीमेंट तक के कारोबार (turnover) में मौजूद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। हिंडेनबर्ग ने कहा था कि वह यूएस ट्रेडिड बॉन्ड्स और नॉन इंडियन ट्रेडिड डेरिवेटिव्स (Non Indian Traded Derivatives) के जरिये अडानी समूह के शेयरों को शॉर्ट कर रही है। इसके बाद दो सत्रों में ही समूह का मार्केट कैप 50 अरब डॉलर कम हो गया है और खुद अडानी को 20 अरब डॉलर का झटका लगा है। ब्लूमबर्ग बिलेनायर इंडेक्स (Bloomberg Billionaire Index) के मुताबिक, उनकी दौलत लगभग 20 फीसदी कम हो गई।
एक तरफ गौतम अडानी (Gautam Adani) को इस साल दुनिया के सबसे बड़े रईस बनने की उम्मीद थी और अब उन्हें शीर्ष-10 की सूची बने रहना ही भारी पड़ रहा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद अडानी शीर्ष-10 अरबपतियों की सूची में चौथे नंबर से सातवें पर आ गए। एक ही दिन में अडानी की संपत्ति 20.8 अरब डॉलर कम होकर 92.7 अरब डॉलर रह गई। अगर इस रिपोर्ट का असर सोमवार को बाजार में फिर दिखा तो इस सूची में सातवें स्थान पर मौजूद अडानी शीर्ष अमीरों की सूची से बाहर भी हो सकते हैं।
बता दें अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च फर्म ने अडानी एंटरप्राइजेस का एफपीओ खुलने से ठीक पहले एक रिपोर्ट के जरिये अडानी समूह पर ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी करने और अकाउंटिंग फ्रॉड’ में शामिल होने का आरोप लगाया था।
इसके बाद 413 पेज के जवाब में अडानी ग्रुप (Adani Group) ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘एक गुप्त नीयत’ से प्रेरित थी। इसका मकसद एक झूठा बाजार तैयार करना था, जिससे अमेरिकी फर्म को फायदा हो। जवाब में कहा गया है, ‘यह केवल किसी खास कंपनी पर अनुचित हमला नहीं है, बल्कि यह भारत, भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता, उनकी गुणवत्ता, ग्रोथ स्टोरी और भारत की महत्वाकांक्षा पर सुनियोजित हमला है।
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