नई दिल्ली। देश के दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी का समूह अब दूरसंचार क्षेत्र में भी पैर रखने वाला है। सूत्रों के मुताबिक अदाणी समूह दूरसंचार स्पेक्ट्रम हासिल करने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है। वहीं इसका मुकाबला सीधे तौर पर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और दूरसंचार दिग्गज सुनील भारती मित्तल के एयरटेल से होगा।
पांचवीं पीढ़ी की 5जी दूरसंचार सेवाएं जैसे अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम एयरवेव की 26 जुलाई की नीलामी चार आवेदन के साथ बंद कर दी गई। सूत्रों ने बताया कि जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा जिसने नीलामी में चौथा आवेदन किया है वह अदाणी समूह है। सूत्रों में ने कहा कि अदाणी समूह ने हाल ही में नेशनल लंबी दूरी (NLD) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (ILD) लाइसेंस प्राप्त किया था।
आवेदकों के स्वामित्व का विवरण 12 जुलाई को प्रकाशित होगा
हालांकि स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। अदाणी समूह को किए गए ईमेल और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला है। नीलामी की समय-सीमा के अनुसार, आवेदकों के स्वामित्व का विवरण 12 जुलाई को प्रकाशित किया जाना है। 26 जुलाई, 2022 से शुरू होने वाली नीलामी के दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा जाएगा।
नीलामी विभिन्न निम्न (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), मध्य (3300 मेगाहर्ट्ज) और उच्च (26 गीगाहर्ट्ज़) आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी।
अब होगा आमना-सामना
मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी गुजरात के रहने वाले हैं जो कि देश के बड़े व्यापारिक समूह हैं। लेकिन किसी व्यवसाय में दोनों का सीधा सामना नहीं हुआ। अंबानी ने तेल और पेट्रोकेमिकल व्यवसाय से लेकर दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में विस्तार किया है तो वहीं अदाणी समूह ने बंदरगाह खंड से कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया है।
लेकिन अब दोनों का आमना-सामना तय है। क्योंकि अदाणी ने हाल ही में पेट्रोकेमिकल्स में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी की स्थापना की है। पेट्रोकेमिकल्स का व्यवसाय एक तरह से अंबानी का पुश्तैनी काम है जो अंबानी के पिता धीरूभाई ने पहले शुरू किया था।
अंबानी-अदाणी के बीच पहली सीधी प्रतिस्पर्धा
अंबानी ने भी सौर पैनलों, बैटरी, हरित हाइड्रोजन सहित नए ऊर्जा व्यवसाय के लिए बहु-अरब डॉलर की योजनाओं की घोषणा की। तो वहीं अडानी ने 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा उत्पादक बनने की योजना की घोषणा की थी साथ हाइड्रोजन उत्पादन का भी खुलासा किया था। और अब, अगर अदाणी समूह 26 जुलाई को 5जी नीलामी में हिस्सा लेता है, तो यह अंबानी के साथ पहली सीधी प्रतिस्पर्धा होगी।
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