नई दिल्ली । रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट की वजह से गौतम अडानी समूह (Gautam Adani Group) के शेयर बुरी तरह धराशायी हो चुके हैं। समूह के शेयरों में शुक्रवार को 20 फीसदी तक की गिरावट आई जिसकी वजह से सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 4.17 लाख करोड़ रुपये घट गया। इसका असर अडानी समूह के निवेशकों (investors) के पोर्टफोलियो पर पड़ा है। देश का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), उन प्रभावित निवेशकों में से एक है।
कितना कम हुआ निवेश
अडानी समूह के शेयरों में एलआईसी का संयुक्त निवेश गिरकर 27 जनवरी, 2023 को 62,621 करोड़ रुपये पर आ गया। इससे पहले 24 जनवरी, 2023 को 81,268 करोड़ रुपये का निवेश था। इस लिहाज से निवेशकों को 18,647 करोड़ रुपये का नुकसान है।
बता दें कि 31 दिसंबर, 2022 तक एलआईसी के पास अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अदानी ट्रांसमिशन और अंबुजा सीमेंट्स, एसीसी में 1 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
एफपीओ में एलआईसी का दांव
अडानी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ पर एलआईसी ने 37 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। इस निवेश के साथ कंपनी में एलआईसी की 4.23% हिस्सेदारी हो गई है। बता दें कि एलआईसी एफपीओ में एंकर निवेशकों में 33 संस्थागत निवेशक शामिल हैं। इसमें अबू धाबी निवेश प्राधिकरण और अल मेहवार कॉमर्शियल जैसे नाम शामिल हैं।
किस शेयर का क्या रहा हाल
बीएसई पर अडानी टोटल गैस के शेयर 20 फीसदी टूटे, अडानी ट्रांसमिशन के 19.99 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी के 19.99 फीसदी और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 18.52 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 16.03 फीसदी गिरे, अडानी विल्मर के पांच फीसदी और अडानी पॉवर के शेयर में भी पांच फीसदी की गिरावट आई।
इसके अलावा अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 17.16 फीसदी टूटे और एसीसी के शेयर में 13.04 फीसदी की गिरावट आई। दो दिन के भीतर, अडानी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन (एमकैप) 4,17,824.79 करोड़ रुपये घट गया है।
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